सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत का कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है. पटेल IMF के कार्यकारी बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो संगठन के दैनिक कामकाज और नीतिगत निर्णयों की निगरानी करता है. इस नियुक्ति को मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (ACC) ने मंजूरी दी है.
कौन हैं उर्जित पटेल?
आपको बता दें कि उर्जित पटेल ने 5 सितंबर, 2016 को RBI के 24वें गवर्नर के रूप में पद संभाला था. उन्होंने रघुराम राजन की जगह ली और दिसंबर 2018 में व्यक्तिगत कारणों से गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया. उनके बाद शक्तिकांत दास को RBI की जिम्मेदारी सौंपी गई. इस बीच, जनवरी 2022 में उन्हें एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट बैंक का वाइस प्रेसिडेंट बनाया गया था.
पटेल एक जाने-माने अर्थशास्त्री हैं और उनका करियर बहुत ही व्यापक रहा है. उन्होंने IMF, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे संस्थानों के साथ काम किया है. उनका जन्म 28 अक्टूबर 1963 को केन्या में हुआ और स्कूली शिक्षा भी वहीं हुई. उनका पैतृक गांव गुजरात के खेड़ा जिले में है.
उनकी उपलब्धियां
शिक्षा के क्षेत्र में उर्जित पटेल ने यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से इकनॉमिक्स में BSc, ओक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से MPhil और येल यूनिवर्सिटी से PhD की डिग्री हासिल की. 1990-1992 के दौरान उन्होंने IMF में अर्थशास्त्री के रूप में अमेरिका, म्यांमार, भारत और बहामास के डेस्क पर काम किया.
RBI गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल को देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. उर्जित पटेल को IMF में नियुक्ति मिलने के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में मजबूत प्रतिनिधित्व मिलेगा. केंद्र सरकार ने 28 अगस्त को इस नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी किया. इसके साथ ही यह भी बताया गया कि पटेल ने RBI गवर्नर पद से इस्तीफा देने के बाद एनआईपीएफपी के चेयरमैन के रूप में भी काम किया.
उर्जित पटेल की नियुक्ति से भारत को वैश्विक स्तर पर आर्थिक नीतियों में अपनी भूमिका बढ़ाने का अवसर मिलेगा और उन्हें तीन साल तक IMF के बोर्ड में महत्वपूर्ण निर्णयों में भाग लेने का मौका मिलेगा.
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