उपराष्ट्रपति चुनाव: गैर-राजनीतिक सभापति की जरूरत, जो पक्ष और विपक्ष के साथ कर सके न्याय: महुआ मांझी

रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की राज्यसभा सांसद महुआ मांझी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के अनुभव की सराहना की, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि राज्यसभा के सभापति के तौर पर एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि भाजपा ने सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है, तो यह सोच-समझकर किया गया फैसला होगा। उनके पास लंबा प्रशासनिक अनुभव है और एनडीए के सांसद उन्हें वोट देंगे। हमारी पार्टी जो भी फैसला लेगी, हम उनके साथ हैं।

महुआ मांझी ने इस बात पर जोर दिया कि राज्यसभा के सभापति का पद निष्पक्षता का प्रतीक होना चाहिए, जो पक्ष और विपक्ष दोनों के साथ न्याय कर सके।

मांझी ने कहा, “राजनीतिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति पर यह आरोप लगता रहा है कि वे अपनी पार्टी या झुकाव के आधार पर पक्षपात करते हैं। ऐसे में उच्च सदन के सभापति का पद संभालने वाले व्यक्ति को गैर-राजनीतिक होना चाहिए, ताकि वह निष्पक्षता से काम कर सकें।”

उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी की तारीफ करते हुए कहा कि एक पूर्व न्यायाधीश के रूप में उनकी उम्मीदवारी संविधान की रक्षा के लिए विपक्ष की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

उन्होंने कहा, “विपक्ष संविधान बचाने की बात कर रहा है। ऐसे में एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति का चयन एक सकारात्मक कदम है।”

महुआ मांझी ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में कोई व्हिप जारी नहीं होता, जिसके कारण सांसद अपनी अंतरात्मा की आवाज पर वोट देते हैं। सभी सांसदों को इस बारे में सोचना चाहिए। मैंने सभी दलों के सांसदों से अपील की कि वे बी सुदर्शन रेड्डी को समर्थन दें, ताकि सभापति के पद पर एक निष्पक्ष व्यक्ति बैठ सके।

उन्होंने कहा, “हर उम्मीदवार जीतने की उम्मीद के साथ चुनाव लड़ता है। ऐसे में बी सुदर्शन रेड्डी जैसे गैर-राजनीतिक व्यक्ति का चयन इस पद की गरिमा को और बढ़ाएगा।”

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