लखनऊ : अवध गर्ल्स डिग्री कॉलेज में नवगठित छात्र परिषद का औपचारिक रूप से अलंकरण समारोह 29 अगस्त 2025 को गरिमामय एवं सुसंस्कृत वातावरण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ ईश्वर वंदना से हुआ, जिसके उपरांत “स्पिरिट ऑफ गॉड” प्रार्थना की गई। कॉलेज की प्राचार्या प्रो. बीना राय ने मुख्य अतिथि रेनू यादव, ए.सी.जे.एम., लखीमपुर खीरी सहित सभी आगंतुकों का हार्दिक स्वागत किया। प्राचार्या ने अपने संबोधन में अलंकरण समारोह के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह केवल परंपरा नहीं, बल्कि नेतृत्व, जिम्मेदारी और सेवा-भाव का उत्सव है। उन्होंने छात्राओं को निष्पक्ष, सहानुभूतिपूर्ण एवं समर्पित होकर कार्य करने की प्रेरणा दी।
इसके पश्चात नव-निर्वाचित छात्र परिषद के सदस्यों ने शपथ ग्रहण कर अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन का संकल्प लिया। तत्पश्चात रवीन्द्रनाथ टैगोर की कालजयी रचना “जहाँ मन भय से मुक्त है” का भावपूर्ण वाचन किया गया।
प्रो. सुमना वार्ष्णेय, डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने परिषद को बधाई देते हुए उन्हें निष्ठा, ईमानदारी और करुणा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिए प्रेरित किया।
नव-निर्वाचित छात्र परिषद की अध्यक्ष सुश्री महिमा कश्यप ने अपने उद्बोधन में संस्था के आदर्शों को बनाए रखने और छात्र समुदाय की सेवा में तत्पर रहने का संकल्प व्यक्त किया। उन्होंने मेहनती, समावेशी और सहृदय नेतृत्व का वचन दिया।
मुख्य अतिथि रेनू यादव ने अपने संबोधन में टीम वर्क, निरंतर परिश्रम और दृढ़ता के महत्व पर बल दिया। उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता के तृतीय अध्याय कर्मयोग का संदर्भ देते हुए निस्वार्थ कर्तव्यपालन की गरिमा को रेखांकित किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को परंपराओं के निर्वहन से जोड़ते हुए कहा कि पुरानी रूढ़िवादी बेड़ियां जो आपका मार्ग अवरुद्ध करती है उन्हें तोड़ना होगा। अपनी राह स्वयं बनानी होगी, सफलता मंजिल नहीं रास्ता है जिस पर जीवन पर्यन्त चलना होगा। नेतृत्व को सभी को साथ लेकर चलना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान “आदिवासी संस्कृतियाँ और खेल : आधुनि भारत में जनजातीय पहचान का संरक्षण” नामक पुस्तक का विमोचन भी संपन्न हुआ, जिसका संपादन डाॅ. मौलिश्री शुक्ला और डाॅ. सरिता सिंह द्वारा किया गया है। अपर्णा पंत (सह-डीन ऑफ स्टूडेंट्स) ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इसके उपरांत कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। यह आयोजन प्राचार्या प्रो. बीना राय, डीन ऑफ स्टूडेंट्स प्रो. सुमना वार्ष्णेय तथा सह-डीन प्रो. रंजन कृष्णा और अपर्णा पंत के कुशल मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।