भारत-जर्मनी संबंध स्थिर, बढ़ रहे हैं महत्व और गहराई: एस जयशंकर

नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को भारत-जर्मनी संबंधों को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दोनों देशों के रिश्ते लगातार गहराई और महत्व में आगे बढ़ रहे हैं।

जर्मन समकक्ष जोहान वेडफुल के साथ दिल्ली में वार्ता के बाद मीडिया से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत-जर्मनी संबंध बहुत स्थिर हैं और आज की अनिश्चित परिस्थितियों में इनकी अहमियत और बढ़ गई है।

उन्होंने कहा, हमारे कई देशों के साथ रणनीतिक संबंध हैं और हर रिश्ते को आज की वैश्विक राजनीति के हिसाब से संभालना पड़ता है। जर्मनी न केवल यूरोपीय संघ का सबसे बड़ा देश है बल्कि वैश्विक समीकरणों में भी हमारे लिए केंद्रीय महत्व रखता है। चाहे आर्थिक हो या राजनीतिक, हर पैमाने पर हमारे संबंध मजबूत हो रहे हैं। हम दोनों देश जी4 के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिए भी साथ काम कर रहे हैं।

जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों में शिक्षा और गतिशीलता के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि जर्मनी में सबसे अधिक विदेशी छात्र अब भारत से हैं। साथ ही, दोनों देशों ने स्कूल और कॉलेज स्तर पर अल्पकालिक यात्राओं के लिए मुफ्त वीजा देने पर सहमति जताई है, ताकि छात्र आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल सके।

विदेश मंत्री ने बताया कि उन्होंने अपने जर्मन समकक्ष के साथ भारतीय बच्ची अरिहा शाह के मुद्दे को भी उठाया। उन्होंने कहा, मैंने यह रेखांकित किया कि उसकी सांस्कृतिक पहचान सुनिश्चित होना जरूरी है और वह भारतीय माहौल में बड़ी हो। यह मामला और अधिक देर नहीं खिंचना चाहिए।

गौरतलब है कि अरिहा शाह को सितंबर 2021 में जर्मनी के यूथ वेलफेयर ऑफिस की हिरासत में रखा गया था, जब सात महीने की उम्र में उसे एक हादसे में चोट लगी थी। तब से वह पालक देखभाल में है। भारत का लगातार कहना है कि बच्चे को उसकी भाषाई, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परिवेश में ही पाला जाना चाहिए।

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