राजमार्ग पर तबाही के कारण कश्मीर घाटी में फल मंडियां बंद

सोपोर, फलों से भरे ट्रकों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने में सरकार की विफलता के विरोध में कश्मीर भर की फल मंडियां सोमवार को पूरी तरह बंद रहीं। किसानों ने दो दिनों के भीतर श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरी तरह से बहाल नहीं करने पर घाटी-व्यापी हड़ताल की चेतावनी दी।

सोपोर में एशिया की दूसरी सबसे बड़ी फल मंडी में भावनात्मक दृश्य सामने आए जहां उत्पादकों ने नम आंखों के साथ उद्योग के अस्तित्व के लिए गुहार लगाई।

विरोध प्रदर्शन के दौरान कई बागवान रो पड़े और अफसोस जताया कि उनकी साल भर की मेहनत फंसे हुए ट्रकों में सड़ रही है जबकि सरकार चुपचाप देख रही है।

विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए राष्ट्रपति फैयाज अहमद मलिक ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर लोगों को विफल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर सीएम फलों के ट्रकों के मार्ग को सुनिश्चित नहीं कर सकते तो उन्हें कार्यालय में बैठने का कोई अधिकार नहीं है। अगर आप कुछ नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे दें। उन्होंने कहा कि किसी भी विधायक ने उत्पादकों के लिए बात नहीं की है।

उत्पादकों ने आरोप लगाया कि लोहे और अन्य वस्तुओं से लदे ट्रकों को जाने की अनुमति दी जा रही है लेकिन फलों से लदे वाहनों को जानबूझकर रोका जा रहा है।

तनाव बढ़ने की चेतावनी देते हुए मलिक ने कहा कि यदि 48 घंटों के भीतर राजमार्ग को बहाल नहीं किया गया तो उत्पादक घाटी-व्यापी हड़ताल की घोषणा करेंगे जिससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि ठप हो सकती है।

गौरतलब है कि सोपोर, हंदवाड़ा, शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग और अन्य समेत घाटी भर की मंडियां 14 और 15 सितंबर को दो दिवसीय बंद के आह्वान के तहत बंद रहीं।

इससे पहले फल उत्पादक संघ ने बताया था कि खराब होने वाले फलों की खेप ले जाने वाले सैकड़ों ट्रक राजमार्ग पर फंसे हुए हैं और उन्हें अपने गंतव्य तक जाने की अनुमति नहीं दी गई है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादकों को भारी क्षति और भारी नुकसान हुआ है।

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