दंतेवाड़ा : छत्तीसगढ़ के नक्सन प्रभावित दंतेवाड़ा जिले में एक साथ 71 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 30 नक्सलियों पर 64 लाख का इनाम था। इन नक्सलियों ने ‘लोन वर्राटू अभियान’ के तहत बुधवार को दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव रॉय एवं सीआरपीएफ के अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रूपये की सहायता राशि के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधायें जैसे स्किल डेवलपमेंट हेतू प्रशिक्षण, कृषि भूमि इत्यादि मुहैया कराई जाएगी।
दंतेवाड़ा पुलिस अधीक्षक गौरव रॉय ने बताया कि ”पूना मारगेम” और ‘लोन वर्राटू” अभियान यह संदेश देते हैं कि हर किसी को लौटने का अवसर है। दन्तेवाड़ा पुलिस तथा जिला प्रशासन शांति एवं विकास के दोहरे लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा नक्सलियों को संवाद, अवसर और संवेदना के माध्यम से समाज में लौटने का मार्ग देते रहेंगे। सक्रिय नक्सलियों से यह अपील की गई है कि वे हिंसा का मार्ग त्यागें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों को समझें और शांति, सद्भाव एवं पुनर्वास का मार्ग अपनाएं।
लोन वर्राटू; गोंडी भाषा में घर लौटो
दंतेवाड़ा पुलिस द्वारा प्रारंभ किया गया एक जन-जागरूकता एवं विश्वास-स्थापना अभियान है, जिसके माध्यम से नक्सल प्रभावित ग्रामीणों और कैडरों को मुख्यधारा में लौटने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर पिछले 19 महीनों में दंतेवाड़ा जिला में 129 इनामी नक्सली सहित 461 से अधिक नक्सलियों ने हिंसा का मार्ग छोड़कर सामाजिक मुख्यधारा को अपनाया है। नक्सलियों के वरिष्ठ नेतृत्व से लेकर आधार क्षेत्र के सक्रिय कैडर तक बड़ी संख्या में नक्सली संगठन से अलग हो चुके हैं। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 297 इनामी नक्सलियों सहित कुल 1113 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जिसमें जिला दन्तेवाड़ा के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों बस्तर, बीजापुर एवं नारायणपुर के 887 पुरूष नक्सली तथा 226 महिला नक्सली शामिल हैं।