भाजपा का कांग्रेस पर वार, कहा- भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए नहीं दी कोई बधाई

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट टीम की दुबई में एशिया कप फाइनल में पाकिस्तान पर शानदार जीत की सराहना करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत की शानदार जीत पर कांग्रेस के नेता चुप हैं। आश्चर्य की बात नहीं है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी या प्रियंका गांधी का अभी तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए कोई बधाई संदेश नहीं आया। खेलों को राजनीति से अलग रखना चाहिए।

सोमवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह एशिया कप में भारत की 9वीं विजय है। इस टूर्नामेंट में भारत ने लगातार तीन बार पाकिस्तान को हराकर जीत की हैट्रिक बनाई। भारतीय टीम ने इस एशिया कप में सभी मैच जीतकर क्लीन स्वीप किया। इसके लिए निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट टीम, कप्तान सूर्यकुमार यादव और सभी साथी खिलाड़ी, कोच, सपोर्ट स्टाफ बधाई के पात्र हैं। लेकिन कांग्रेस ने इस जीत पर एक शब्द नहीं कहा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए जो भी खीज, ईर्ष्या, द्वेष या इनफिरियॉरिटी कॉम्प्लेक्स हो, उसके कारण भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर कोई छाया मत डालिए।

राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि इससे भी अधिक चिंताजनक बात यह है कि कांग्रेस की यूपीए सरकार में गृह मंत्री रहे पी. चिदंबरम का भी एक बयान आया है। पी. चिदंबरम ने कहा है कि 26/11 के हमले के बाद, जब वह गृहमंत्री बने, तो उनका विचार था कि पाकिस्तान पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन तत्कालीन पार्टी नेतृत्व ने उसकी अनुमति नहीं दी। अब इससे स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान के साथ डील करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के मन का रुझान क्या था। 26/11 हमले के मात्र 9 महीने बाद, मिस्र के शर्म-अल-शेख में जॉइंट डिक्लेरेशन में जिस तरह भारत को शर्मसार किया गया, वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण था। दुख और आश्चर्यजनक बात यह है कि इस जॉइंट डिक्लेरेशन में बलूचिस्तान का भी उल्लेख किया गया। अर्थात एक प्रकार से वे उस झूठ को भी स्वीकार करने को तैयार हो गए थे। इससे यह बहुत स्पष्ट हो जाता है कि चाहे जंग का मैदान हो, कूटनीति का मैदान हो या खेल का मैदान, कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोग हमेशा पाकिस्तान का मार्ग प्रशस्त करने के लिए तैयार रहते हैं। यहां तक कि यूनाइटेड अरब अमीरात जैसे मेजबान देश के साथ भारत के मधुर संबंध और व्यावसायिक रिश्तों के बावजूद, यदि भारत किसी कारणवश वहां न जाता और खटास उत्पन्न होती, तो इसके लिए भी वही लोग प्रयत्नशील रहते।

डॉ. त्रिवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के समय जितनी सुर्खियां कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोगों ने पाकिस्तानी मीडिया में बटोरी थीं और जो कुछ उन्होंने मुंह खोलकर कहा था, वह भारत और भारतीय सेना का मनोबल कम करने वाला था। जो लोग भारतीय सेना का मनोबल कम करने में जमीन आसमान एक कर रहे थे, वही आज भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए एक शब्द तक नहीं बोल रहे हैं। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि केवल गठबंधन का नाम इंडिया रख लेने से दिल में इंडिया नहीं आ जाता। इस घटना से बहुत साफ हो जाता है कि जिस गठबंधन का नाम इंडिया है, उसके दिल में अगर दर्द और मोहब्बत है, तो वह इंडिया के लिए नहीं, बल्कि पाकिस्तान के लिए है और अगर अदावत है, तो वह पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि इंडिया के लिए है।

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