सोनम वांगचुक इन दिनों देश भर में सुर्खियों में हैं. सोनम वांगचुक पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है. इस बीच, लद्दाख प्रशासन ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि लेह हिंसा के बाद सोनम सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई करने के लिए हमारे पास पर्याप्त सबूत हैं. प्रशासन ने कहा कि हमने सोनम को पहले ही उनके ऊपर लगे आरोपों की जानकारी दे दी है.
बता दें, हाल ही में हुई लेह हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद पुलिस ने सोनम वागंचुक को गिरफ्तार किया गया था. भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की वजह से प्रशासन ने उन पर एनएसए लगाया है. उन पर आरोप है कि वे पाकिस्तान के साथ मिलकर भारत में अशांति फैलाने की साजिश रच रहे थे. हालांकि, मामले में सोनम की पत्नी ने आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि सोनम को फर्जी तरीके से फंसाया जा रहा है. उन पर लगे आरोप बेबुनियाद है.
प्रदर्शनकारियों को मास्क, कैप और हुडी पहनने की दी सलाह
लद्दाख प्रशासन ने कहा कि 20 सितंबर को वार्ता की तारीख घोषित हुई थी. सरकार वार्ता की तारीख बदलने के लिए भी तैयार थी. बावजूद इसके सोनम भड़काने वाले बयान देते रहे. प्रशासन ने आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक ने 9 सितंबर को युवाओं को सलाह दी कि कोविड के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन में वे मास्क, कैप और हूडी पहनें. खास बात है कि लद्दाख में कोविड फैलने का तो कोई संकेत नहीं है.
नेपाली-बांग्लादेशी विद्रोह का देते है एग्जांपल
प्रशासन का आरोप है कि लेह हिंसा के बाद बुजुर्ग नेता सामने आए और उन्होंने युवाओं को शांत करवाने की कोशिश की लेकिन सोनम ने युवाओं को शांत करवाने के लिए कुछ भी नहीं किया. उन्होंने कई बार नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश का उदाहरण देकर युवाओं को भड़काया है.
कहा- सुरक्षाबलों से नहीं डरते यहां के युवा
प्रशासन ने आरोप लगाया कि 11 सितंबर 2025 को उन्होंने एक इंटरव्यू में कथित रूप से कहा कि युवा कह रहे हैं कि वे शांति नहीं चाहते. वे सुरक्षाबलों से नहीं डरते. ऐसे में युवा बाहर आते हैं तो स्थिति और भी खराब हो सकती थी. उन पर आरोप है कि आठ जून 2025 को उन्होंने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा था कि वे भारत में अरब स्प्रिंग जैसे आंदोलन करेंगे, जिससे सरकार को उखाड़कर फेंक सके.
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