शिमला : हिमाचल प्रदेश में ठंड का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राज्य के जनजातीय इलाकों में पारा माइनस में बना हुआ है, जबकि निचले क्षेत्रों में घने कोहरे के कारण यातायात और जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक मैदानी और निचले हिस्सों में सुबह-शाम घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है।
राज्य में नवंबर महीने में बारिश लगभग न के बराबर हुई है, जिससे सूखी ठंड ज्यादा महसूस की जा रही है और लोग सुबह-शाम व रात में भीषण ठिठुरन का सामना कर रहे हैं। लाहौल-स्पीति और ऊपरी पहाड़ी इलाकों में शीतलहर ने आम जन-जीवन पर असर डाला है।
जनजातीय क्षेत्रों में पारा शून्य से काफी नीचे पहुंच चुका है। लाहौल स्पीति जिला के ताबो में बुधवार को न्यूनतम तापमान माइनस 6.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि कुकुमसैरी में न्यूनतम तापमान माइनस 4.5 डिग्री सेल्सियस रहा। माइनस तापमान के कारण इन इलाकों में जलस्रोतों का पानी जम गया है और नाले-झरने बर्फ की परत में बदल चुके हैं। इससे स्थानीय लोगों को पेयजल एवं रोजमर्रा के पानी के उपयोग में भी कठिनाई हो रही है।
कल्पा में तापमान 0.4 डिग्री, भुंतर में 2.4 डिग्री, सोलन में 2.6 डिग्री, रिकांगपिओ में 2.9 डिग्री, सुंदरनगर में 3.0 डिग्री, नारकंडा में 3.6 डिग्री, पालमपुर में 4.5 डिग्री, मनाली में 1.1 डिग्री, कांगड़ा में 5.7 डिग्री, मंडी में 5.6 डिग्री, कुफ़री में 5.5 डिग्री सेंटीग्रेड दर्ज किया गया है। धौलाकुआं में तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया, जबकि शिमला में 6.6 डिग्री, ऊना में 6.8 डिग्री और धर्मशाला में 7.3 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया। डलहौजी, चंबा, हमीरपुर, बिलासपुर और देहरा गोपीपुर सहित अन्य स्थानों पर भी तापमान सामान्य से कम रहा।
मौसम विज्ञान केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश का औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.8 डिग्री कम दर्ज किया गया, जो इस बात का संकेत है कि समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। दूसरी ओर मैदानी और निचले इलाकों सुन्दरनगर, मंडी और बिलासपुर में घने कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम रही।
सुन्दरनगर में आज सुबह दृश्यता 70 मीटर, मंडी में 100 मीटर और बिलासपुर में 150 मीटर दर्ज की गई। इसके चलते सुबह के समय वाहनों की रफ्तार काफी धीमी रही और कई स्थानों पर लोग समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाए। कोहरे के चलते हवा में ठंडक और बढ़ गई, जिससे खासकर सुबह और देर शाम के समय लोगों को भारी ठिठुरन का सामना करना पड़ रहा है।
हिल स्टेशनों में भी सर्दी का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है। मनाली, शिमला, कुफ़री और नारकंडा जैसे पर्यटन स्थलों का तापमान सामान्य से नीचे पहुंचने के कारण पर्यटक भी कड़ाके की ठंड में घूमने को मजबूर हैं। हालांकि, फिलहाल बर्फबारी का अनुमान नहीं है।
इस बीच, सूखी ठंड के कारण स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी बढ़ने लगी हैं। खासतौर पर वृद्धजनों और बच्चों को खांसी-जुकाम तथा सांस संबंधी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। डॉक्टरों ने लोगों को सुबह-शाम अतिरिक्त गर्म कपड़े पहनने और बाहर निकलते समय सावधानी बरतने की सलाह दी है।
मौसम विभाग ने साफ किया है कि अगले एक सप्ताह यानी 2 दिसंबर तक राज्य में मौसम साफ रहने के आसार हैं और वर्षा की संभावना न के बराबर है। हालांकि, सुबह और रात के समय पाला गिरने की स्थिति और कोहरा निचले इलाकों में परेशानी बढ़ा सकता है। साफ मौसम के चलते दिन में धूप खिलने से थोड़ी राहत मिल सकती है, लेकिन रात के तापमान में लगातार गिरावट की वजह से रातें और अधिक सर्द होंगी।
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