लोगों की आवाज दबाने का एक प्रयास है संचार साथी ऐपः खरगे

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संचार साथी ऐप को केंद्र सरकार द्वारा लोगों की आवाज को दबाने के लिए किया जा रहा एक और प्रयास बताया है।

 

खरगे ने मंगलवार को एक्स पोस्ट में कहा कि इस ऐप को नागरिकों के मोबाइल पर प्रीलोड करने का निर्णय बिना किसी समझौते या विचार-विमर्श के लिया गया, जो तानाशाही है। सरकार क्यों यह जानना चाहती है कि लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ क्या बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि हमारी डिजिटल निजता पर हमला किया जा रहा है। आयकर कानूनों के जरिए डिजिटल जीवन को हर समय निगरानी में बदल दिया गया है, आरटीआई को कमजोर किया गया और पेगासस प्रकरण से यह साबित हुआ कि 100 से अधिक भारतीयों के फोन हैक किए गए थे।

 

उल्लेखनीय है कि दूससंचार विभाग ने मोबाइल फोन कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे अपने फोन में संचारसाथी ऐप पहले से इंस्टॉल कर बेचें, अन्यथा जुर्माना लगाया जाएगा। कंपनियों को 90 दिनों में आदेश लागू करने और 120 दिनों में अनुपालन रिपोर्ट देने को कहा गया। आदेश के बाद निजता और उपभोक्ता अधिकारों को लेकर विरोध बढ़ा। विवाद बढ़ने पर संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि संचारसाथी एक वैकल्पिक ऐप होगा, जिसे उपयोगकर्ता अपनी इच्छा से हटाने में भी सक्षम होंगे।

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