इंडिगो की देशव्यापी अव्यवस्था से मप्र में भी हवाई यातायात पर भारी असर, इंदौर में एक दिन में 51 फ्लाइटें रद्द

भोपाल : मध्य प्रदेश के हवाई यात्रियों के लिए पिछले चार से पाँच दिन अभूतपूर्व संकट लेकर आए हैं। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइंस इंडिगो में क्रू मेंबर्स की भारी कमी के कारण राष्ट्रीय स्तर पर उड़ान संचालन प्रभावित हुआ है, जिसके असर से प्रदेश के तीन प्रमुख शहरों इंदौर, भोपाल और जबलपुर में हवाई सेवाएँ लगभग ठप होकर रह गई हैं। चार दिनों में 65 से अधिक उड़ानें रद्द हो गईं, लेकिन शुक्रवार को जो हुआ वह इंदौर के हवाई इतिहास में पहली बार दर्ज हुआ।

 

दरअसल, शुक्रवार का दिन इंदौर एयरपोर्ट पर अव्यवस्था, हड़कंप और अफरातफरी से भरा रहा। इंडिगो ने एक ही दिन में आने–जाने वाली 51 फ्लाइटें रद्द कर दीं जोकि शहर में रोजाना संचालित कुल उड़ानों का लगभग आधा हिस्सा है। यह स्थिति इतनी भीषण थी कि हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने भी स्वीकार किया कि उन्होंने अपने करियर में ऐसा संकट कभी नहीं देखा। सुबह से रात तक एयरपोर्ट यात्रियों से खचाखच भरा रहा। कुछ अपनी उड़ान का इंतजार करते-करते थक गए, कुछ लगातार दूसरी या तीसरी बार फ्लाइट रद्द होने की मार झेलते दिखे तो कई ऐसे भी थे जो दो-दो दिनों से इंदौर में फंसे हुए हैं और वापस नहीं लौट पा रहे।

 

कई यात्री ऐसे शहरों में अटके पड़े हैं जहां उन्हें केवल ट्रांजिट के लिए उतरना था। शनिवार सुबह 9 बजे तक इंडिगो ने अपनी आठ और उड़ानें रद्द कर दीं। एयरपोर्ट अधिकारियों को आशंका है कि यदि हालात नहीं सुधरे, तो शनिवार को भी रद्द उड़ानों का आंकड़ा 50 के करीब पहुँच सकता है। यात्रियों के लिए यह अनिश्चितता सबसे ज्यादा तकलीफदेह साबित हो रही है, क्योंकि एयरलाइन की ओर से समय पर स्पष्ट अपडेट नहीं मिल पा रहा।

 

अधिकारिक तौर पर देखें तो पिछले चार दिनों से लगातार फ्लाइट्स रद्द हो रही हैं, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा योजनाएँ ध्वस्त हो चुकी हैं। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता, चंडीगढ़, गोवा, रायपुर, नागपुर, जयपुर, अहमदाबाद और जम्मू जैसे महत्वपूर्ण रूट इसकी चपेट में रहे। पूरे देश में पिछले चार दिनों में 500 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। उड़ानों के बड़े हिस्से के इंडिगो पर निर्भर होने के कारण मध्य प्रदेश सबसे प्रभावित राज्यों में शामिल है।

 

एक यात्री ने नाराज़गी जताते हुए कहा, “दो दिन से बच्चों के साथ एयरपोर्ट पर बैठे हैं। हर दो घंटे में मैसेज आता है फ्लाइट रद्द। यह कैसी सर्विस है?”सोशल मीडिया पर यात्रियों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है और #IndigoCancelFlights पूरे देश में ट्रेंड कर रहा है। ट्रेवल एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष अमोल कटारिया ने बताया कि नई सरकारी गाइडलाइंस के चलते इंडिगो ने एक दिसंबर से उड़ानें कम करना शुरू किया था। नियमों के अनुसार क्रू मेंबर्स की वर्किंग आवर्स लिमिट को सख्ती से लागू करना आवश्यक था। क्रू की भारी कमी होने के कारण इंडिगो इतनी उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रही और हालात अचानक बिगड़ गए। इस स्थिति को समझते हुए सरकार ने नियम लागू करने की समय सीमा फरवरी तक बढ़ा दी, लेकिन एयरलाइन अपना शेड्यूल और रोस्टर पुनर्गठित करने में समय ले रही है।

 

ट्रेवल एजेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष कटारिया के अनुसार, “कम से कम एक सप्ताह तक स्थिति सामान्य होने की उम्मीद नहीं है।” दूसरी ओर अब तक इंडिगो की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि स्थिति कब तक सुधरेगी। यही अनिश्चितता यात्रियों के गुस्से का सबसे बड़ा कारण है। एयरलाइन केवल यही सलाह दे रही है कि यात्री अपनी फ्लाइट का स्टेटस चेक करते रहें और वैकल्पिक व्यवस्था रखें। अब जब तक इंडिगो स्थिति को नियंत्रित नहीं कर लेती, तब तक मध्य प्रदेश में हवाई यात्रा सामान्य होना मुश्किल दिखाई

दे रहा है।

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