नई दिल्ली : नागरिक उड्डयन मंत्रालय की समय पर कार्रवाई के चलते, देश भर में हवाई यात्रा संचालन तेज़ी से स्थिर हो रहा है, जिससे इंडिगो के परिचालन संकट से उत्पन्न व्यवधान से परेशान यात्रियों को अब और असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
मंत्रालय ने रविवार को बताया कि दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, चेन्नई जैसे सभी प्रमुख हवाई अड्डों के निदेशकों ने पुष्टि की है कि सभी टर्मिनलों पर स्थिति अब सामान्य है। चेक-इन या बोर्डिंग पॉइंट पर अब कोई भीड़भाड़ नहीं है। हवाई अड्डा संचालकों और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) द्वारा बेहतर निगरानी और समय पर सहायता प्रदान करके जमीनी सहायता को मजबूत किया गया है।
मंत्रालय के मुताबिक, इंडिगो ने अपने संचालन में तेज़ी से सुधार किया है। उड़ानों की संख्या बढ़ी है। इंडिगो की उड़ानें शुक्रवार को केवल 706 थीं लेकिन अगले दिन शनिवार को बढ़कर 1,565 हो गईं और आज देर रात तक कुल 1,650 तक पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अन्य सभी घरेलू एयरलाइन बिना किसी रुकावट के पूरी क्षमता से काम कर रही हैं।
मंत्रालय ने इंडिगो की उड़ानें रद्द होने के कारण अन्य एयरलाइनों द्वारा हवाई किराए में की गयी बढ़ोतरी के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से किराए पर अंकुश लगा दिया गया है। इस कदम के बाद प्रभावित रूटों पर हवाई किराए काफी कम हो गया है। सभी एयरलाइन को इस नई किराया संरचना का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया गया है।
मंत्रालय ने इंडिगो को रद्द या बहुत देरी वाली उड़ानों के यात्रियों के पैसों को आज रात 08:00 बजे तक पूरे करने के निर्देश दिये। इंडिगो अब तक कुल 610 करोड़ रुपये वापस कर चुकी है। इसके अलावा, रद्दीकरण के कारण यात्रा दोबारा योजना करने पर यात्रियों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। पैसे वापसी और दोबारा बुकिंग की समस्याओं को जल्द निपटाने के लिए समर्पित सहायता केंद्र बनाए गए हैं।
मंत्रालय ने इंडिगो को निर्देश दिया है कि जो सामान व्यवधानों के कारण यात्रियों से अलग हो गए हैं, उन्हें 48 घंटों के भीतर ढूंढकर यात्रियों तक पहुंचाया जाए। शनिवार तक इंडिगो ने देश भर में 3,000 सामान सफलतापूर्वक यात्रियों तक पहुंचा दिया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार का कंट्रोल रूम लगातार 24×7 घंटे हर गतिविधि पर नजर रख रहा है। यात्रियों की कॉल का तुरंत जवाब दिया जा रहा है और ज़रूरी मदद मुहैया कराई जा रही है।
सरकार ने जनता को आश्वासन दिया है कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। नेटवर्क तेज़ी से सामान्य हो रहा है और जब तक परिचालन पूरी तरह स्थिर नहीं हो जाता, तब तक सभी सुधारात्मक उपाय लागू रहेंगे।
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