राहुल गांधी ने चुनाव सुधारों पर चर्चा में अपने पुराने आरोपों को ही दोहराया

नई दिल्ली : कांग्रेस पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि वोट चोरी सबसे बड़ा देश विरोधी कार्य है। वोट से पूरे देश का ताना-बाना जुड़ा हुआ है और इसी के चलते सब संस्थान विधानसभा यहां तक की संसद भी अस्तित्व में है।

 

राहुल गांधी ने लोकसभा में चुनाव सुधारों से जुड़ी चर्चा में भाग लिया और केंद्र सरकार पर वोट चोरी और संस्थानों पर कब्जे के अपने पुराने आरोपों को दोहराया। उन्होंने उन मांगों को भी दोहराया जिन्हें वह पहले भी प्रेस वार्ता में उठाते रहे। उन्होंने मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट, सीसीटीवी फुटेज प्राप्त करने की मांग की और आरोप लगाया कि हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान वोट चोरी हुई है।

 

उन्होंने हरियाणा की वोटर लिस्ट में एक ब्राज़ील महिला के कथित तौर पर कई बार आने का भी मुद्दा उठाया और इस दौरान बाकी कांग्रेस सदस्यों ने महिला का फोटो लहराया। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने आपत्ति जताई। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया के बावजूद 1.02 लाख लोगों के वोट फोटो एक समान है।

 

केंद्र पर चुनाव आयोग को कब्जा करने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सर्वप्रथम चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में बदलाव किया गया और प्रधानमंत्री के साथ एक अन्य मंत्री और विपक्ष के नेता की चयन समिति बनाई गई। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की नियुक्ति के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमित शाह और वह स्वयं होते हैं लेकिन दो के वोट के आगे उनका मत अकेला पड़ जाता है।

 

राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव कर चुनाव आयुक्त को उनके कार्यकाल के दौरान किए गए गलत आचरण से इम्यूनिटी प्रदान की है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने पर हम इसमें बदलाव करेंगे और हम ऐसे चुनाव आयुक्त को पकड़ने। उन्होंने कहा कि जानबूझकर सीसीटीवी से जुड़े नियमों को बदल गया।

 

राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत कथित तौर पर संस्थाओं को कब्जा करने के आरोपों से की। हालांकि सत्ता पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई स्वयं लोकसभा अध्यक्ष ने भी राहुल गांधी को विषयांतर न होने की सलाह दी।

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