नई दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि लोकतंत्र की रक्षा और समाज की भलाई के लिए पत्रकारिता की भूमिका को देखते हुए मीडिया निकायों को पत्रकारों के लिए एक आचार संहिता तैयार करनी चाहिए। केरल में शनिवार को कोल्लम प्रेस क्लब के स्वर्ण जयंती समारोह के उद्घाटन के बाद सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया इन दिनों जनभावनाओं को अभिव्यक्त करने की बजाय रंगीन और पक्षपातपूर्ण विचार परोस रहा है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारों को स्वतंत्रता और निष्पक्षता जैसे मूल सिद्धांतों से कभी पीछे नहीं हटना चाहिए और सनसनी पैदा करने वाली गलत प्रथाओं को छोड़ देना चाहिए।
नायडू ने पत्रकारों के लिए एक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित करने की वकालत की। उन्होंने यह सुनिश्चित किए जाने पर बल दिया कि आवश्यक मानकों और नैतिकता को बनाए रखा जाए और उनसे समझौता नहीं किया जाए। उन्होंने आगे कहा कि पत्रकारों की आय सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने पत्रकारिता को समाज में व्याप्त हर बुराई से लड़ने का माध्यम बताया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ ने हमेशा कमजोर वर्ग के हित के लिए काम किया है। उन्होंने कहा कि घटनाक्रम की पूरी जानकारी हासिल करने के लिए हमें कम से कम चार से पांच प्रमुख समाचार पत्रों को पढ़ना चाहिए। यही हाल समाचार चैनलों का भी है। केरल के राज्यपाल न्यायमूर्ति पी. सदाशिवम, राज्य की मत्स्य पालन मंत्री जे. दयाकुट्टीम्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर मौजूद थे।
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