चंडीगढ़ जिला अदालत के एडवोकेट चैंबर में सोमवार को बुकलेट मिली. बुकलेट में लिखा था- संत रामपाल महाराज को सज़ा देकर उनके और अनुयायियों के साथ न्याय नहीं किया गया. चंडीगढ़ जिला अदालत बार एसोसिएशन प्रधान अशोक चौहान ने की पुष्टि.
चंडीगढ़ की ज़िला अदालत के एडवोकेट चैंबर में सोमवार को फ़र्श पर कथित संत रामपाल के सज़ा से जुड़ी बुकलेट मिली जिसमे लिखा हुआ है कि बाबा रामपाल को सजा देकर उनके साथ और उनके अनुयायियों के साथ न्याय नहीं किया गया. हालांकि, इस मामले में किसी भी एडवोकेट या जिला अदालत बार एसोसिएशन की तरफ़ से पुलिस में कोई शिकायत नही दी गई. एसोसिएशन अपने स्तर पर जांच में लगा है.
इस मामले में जिला अदालत बार एसोसिएशन प्रधान अशोक चौहान ने बताया कि सोमवार सुबह चैंबर में आकर जब चैम्बर को खोला तो दरवाजे के पास नीचे फर्श पर एक ब्लैक स्पॉट आन ज्यूडिशियरी (black spot on judiciary) नाम की बुकलेट पड़ी हुई थी. इसके बाद उस बुकलेट को उठाकर पढ़ा जिसमे लिखा था कि बाबा रामपाल को सजा देकर उनके साथ और उनके अनुयायियों के साथ न्याय नहीं किया गया.
थोड़ी देर बाद ही कई वकीलों ने उनके चैंबरों में भी यही बुकलेट पड़े होने की सूचना दी. वे हैरान हैं कि कैसे कोई आकर बुकलेट रखकर चला जाता है. वकीलों ने बताया कि अभी तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसके अलावा पुलिस को शिकायत नहीं दी गई.
बुकलेट के कवर पर जज का नाम लिखा हुआ है. बरामद बुकलेट के कवर पर हिसार स्पेशल कोर्ट के जज डीआर चालिया का नाम लिखा हुआ है. गौरतलब है जज डी आर चालिया ने ही सतलोक आश्रम प्रकरण से जुड़े हत्या और षड्यंत्र के मामले में कथित संत रामपाल और अन्य को दोषी करार देते हुए सज़ा सुनाई थी.
आपको बता दें एक मामले की सुनवाई के दौरान रामपाल और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया ने कहा था कि खुद को गॉडमैन बताने वाले चमत्कार का झूठा भरोसा दिलाकर लोगों की भावनाओं से खेलते हैं. फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग और एपल के स्टीव जॉब्स संघर्ष कर आविष्कार न करते तो पता ही नहीं चलता कि असली गॉडमैन कौन है? इसलिए मैं इसमें विश्वास नहीं रखता कि कोई गॉडमैन हमें गाइड कर सकता है और हमारे लिए शांति ला सकता है.
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