लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. 11 अप्रैल से पहले चरण के मतदान की शुरुआत होगी. 23 मई को नतीजे सबके सामने होंगे. देश की अगली सरकार कौन सी बनेगी यह तो वक्त ही तय करेगा. लेकिन, शेयर बाजार के लिहाज से मोदी सरकार ही सबकी फेवरेट है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बाजार चाहता है कि केंद्र में मजबूत सरकार बने. केंद्र में मजबूत सरकार होने का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखेगा. दरअसल, चुनाव की अनिश्चितता, पाकिस्तान के साथ तनाव की स्थिति और भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की संभावना के चलते बाजार को मजबूत बुनियाद चाहिए.
चुनाव तारीखों के ऐलान से आई तेजी
हमारी सहयोगी वेबसाइट www.zeebiz.com/hindi के अनुसार लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सोमवार को शेयर बाजार में जोरदार तेजी दर्ज की गई. सेंसेक्स में जहां 300 अंकों से ज्यादा का उछाल आया, वहीं, निफ्टी 11 हजार के स्तर को पार कर गया. मंगलवार को भी बाजार ने शानदार शुरुआत की है. सेंसेक्स करीब 500 अंक तक चढ़ गया है. वहीं, निफ्टी 11300 के आसपास कारोबार कर रहा है.
47000 तक पहुंचेगा सेंसेक्स?
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2019 के अंत तक सेंसेक्स 42,000 के स्तर तक पहुंच सकता है. वहीं, अगर अच्छी तेजी देखने को मिलती है तो सेंसेक्स के 47000 तक पहुंचने का अनुमान है. वहीं, अगर बाजार में कमजोरी आती है तो सेंसेक्स 33,000 तक फिसल सकता है. हालांकि, बाजार में कमजोरी तभी संभव है जब किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिले. अगर पूर्ण बहुमत की सरकार बनती है तो बाजार में तेजी देखने को मिलेगी.
तेल की बढ़ती कीमतों से आई गिरावट
मॉर्गन स्टेनली ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि तेल की बढ़ती कीमतों और इस साल के मई महीने में होने वाले आम चुनाव को लेकर जारी अनिश्चितता की वजह से पिछले कुछ सेंशन में बाजार में गिरावट देखने को मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है, इस साल भारत के बुरे प्रदर्शन की वजह तेल की बढ़ती कीमतें और राजनीतिक अनिश्चितता हो सकती है. हालांकि, ग्लोबल ब्रोकरेज का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार की बुनियाद बेहद मजबूत है और आने वाले दिनों में इसमें मजबूती आने की संभावना है.
मॉर्गन स्टेनली ने तीन तरह के अनुमान लगाए-
बेस केस-
दिसंबर 2019 तक सेंसेक्स 42,000 तक जा सकता है. इसकी संभावना 50 फीसदी है. 2019 में साल-दर-साल आधार अर्निंग ग्रोथ 21 फीसदी और 2020 में 24 फीसदी रहने का अनुमान है.
बुल केस-
अगर बाजार में बुल रन की शुरुआत हुई, तो बाजार साल के अंत तक 47,000 के स्तर को छू सकता है. इसकी संभावना 30 फीसदी है. हालांकि, यह मजबूत चुनावी नतीजे और एक पार्टी को बहुमत मिलने की स्थिति होगी. 2019 में साल-दर-साल आधार अर्निंग ग्रोथ 29 फीसदी और 2020 में 26 फीसदी रहने का अनुमान.
बियर केस-
वहीं, बियर रन के मामले में बाजार 33,000 तक जा सकता है. इसकी संभावना 20 फीसदी है. हालांकि, यह तभी संभव होगा जब वैश्विक स्थितियां खराब होंगी और चुनावी नतीजे ठीक नहीं होंगे. 2019 में साल-दर-साल आधार पर अर्निंग ग्रोथ 16 फीसदी और 2020 में 22 फीसदी रहने का अनुमान जताया.
इन सेक्टर्स को करें पोर्टफोलियो में शामिल
घरेलू ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक, आगे की स्थितियों को देखते हुए अपने पोर्टफोलियो में आईटी और हेल्थकेयर, ऑटोमोटिव, कैपिटल गुड्स औ फाइनेंशियल सर्विसेज को शामिल करने की सलाह है. वित्तीय बाजारों में हालिया उथल-पुथल को देखते हुए, निराशावादी होना आसान है. भारत के लिए मैक्रो दृष्टिकोण निश्चित रूप से छह महीने पहले की तुलना में कुछ हद तक खराब हो गया है. लेकिन, आउटलुक मजबूत बना हुआ है और हमें आशावादी रहने की वजह देता है.