पाकिस्तान की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मुंबई आतंकी हमले मामले में उनके बयान को लेकर दाखिल हुई एक याचिका पर नोटिस जारी किया है। शरीफ ने इस बयान में 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले में पाकिस्तानी आंतकी संगठनों की भूमिका स्वीकारी थी।
याचिका में शरीफ के इस बयान के लिए उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग की गई है। वकील अजहर सिद्दीकी की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके शरीफ के इस बयान को दुश्मन पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल कर सकते हैं।
शरीफ ने यह बयान डॉन अखबार को दिए एक इंटरव्यू में दिया था। इस बयान को लेकर नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल (एनएससी) की बैठक भी हुई थी। इसके बाद प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने शरीफ से मुलाकात कर उन्हें एनएससी की चिंताओं से अवगत कराया था।
अदालत ने अब्बासी और शरीफ का इंटरव्यू लेने वाले पत्रकार सिरिल अलमीडा को भी नोटिस जारी किया है। उनसे 29 जून तक अपना जवाब देने को कहा गया है।
शरीफ ने इस इंटरव्यू में गैर सरकारी तत्वों को सीमा पार कर मुंबई में लोगों को मारने की अनुमति देने वाली नीति पर सवाल उठाया था। नवंबर, 2008 में लश्कर-ए-तैयबा द्वारा किए गए इस हमले में 166 लोगों की जान गई थी। एनएससी समेत पाकिस्तान के कई दलों और संगठनों ने इस बयान की आलोचना की थी।
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