एशियन मास्टर मीट में 100 मीटर बाधा दौड़ में गोल्ड जीतने का लक्ष्य
वाराणसी : 20 साल बाद अन्तरराष्ट्रीय ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धा में पूरे दमखम के साथ वापसी किसी एथलीट के लिए बहुत बड़ी चुनौती होती है लेकिन इस चुनौती को स्वीकार किया है बनारस की बेटी डॉ. तृप्ति सिंह ने। अंतरराष्ट्रीय एथलीट ट्रैक पर खुद को साबित करने और तिरंगा लहराने के लिए तृप्ति सिंह रात दिन तैयारी में जुटी हुई हैं। उनका लक्ष्य आगामी 02 दिसम्बर से 07 दिसम्बर तक मलेशिया में होने वाली एशियन मास्टर मीट में 100 मीटर और 400 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण पदक जीतना है। बनारस के शिवपुर उचवा लाज की रहने वाली डॉ. तृप्ति सिंह ने घरेलू कारणों से लगभग 20 साल तक ट्रैक से दूरी बनाए रखी। इसके बावजूद तृप्ति ने कड़ी मेहनत और अभ्यास के दम पर 24 फरवरी से 2 मार्च के बीच देहरादून में आयोजित राष्ट्रीय मास्टर मीट में उत्तर प्रदेश के लिए सर्वाधिक चार मेडल जीते।
इसमें 100 मीटर बाधा दौड़ में स्वर्ण, लंबी कूद में रजत पदक, चार गुणे 100 मीटर रिले रेस में कांस्य पदक, चार गुणे 400 मीटर रिले रेस में कांस्य पदक हासिल किये। उन्होंने कहा कि पिता डॉ. शिवराम सिंह और पति सतपाल सिंह की प्रेरणा से अपने कोच दिनेश जायसवाल की निगरानी में ट्रैक पर दमदार वापसी के लिए जीतोड़ परिश्रम और अभ्यास कर रही हैं। डॉ. तृप्ति सिंह ने बताया कि उनके अंदर खेल के प्रति जुनून बचपन से ही रहा। हाई स्कूल की परीक्षा पास करने के बाद ही वह राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी बन चुकी थी। एथलेटिक्स और बास्केटबॉल दोनों में राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता करने लगी थी। उन्होंने बताया कि पढ़ाई पर खेल के असर को नहीं पड़ने दिया। खेल के साथ-साथ बीपीएड, एमपीएड, एमफिल तथा खेल और शिक्षा की सर्वोच्च डिग्री पीएचडी की उपाधि प्राप्त की।
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