पूर्व विश्व चैंपियन और भारत के शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने अपने कोच शेको बेनतिनिडिस को निकाल दिया है। टोक्यो ओलंपिक से चंद माह पहले लिए गए इस फैसले से हर कोई सकते में है। सभी के जेहन में यही सवाल है कि आखिर लंबे समय से साथ रहे बजरंग पूनिया और बेनतिनिडिस के बीच ऐसा क्या हुआ जो नौबत काम छोड़ने तक की आ गई।

जार्जिया के बेनतिनिडिस ने ही अपनी कोचिंग में बजरंग को दुनिया के नंबर एक पहलवान बनाया था। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो बजरंग और कोच शेको के बीच नूर सुल्तान में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप के दौरान ही दूरियां आ गई थी, टूर्नामेंट में कांसे से संतोष करने वाले बजरंग सेमीफाइनल में कजाखस्तान के दौलत नियाजबेकोव से टाई ब्रेकर के आधार पर हार गए थे। बजरंग के कोच शेको बेनतिनिडिस ने जजों के नियाजबेकोव को 4 अंक दिए जाने के फैसले को चुनौती दी थी, लेकिन जजों ने इस चुनौती को खारिज कर दिया था इसके चलते नियाजबेकोव को 1 अंक मिला।
भारतीय कुश्ती महासंघ का मानना था कि शेको बेनतिनिडिस के जजों के फैसले को चुनौती देने की वजह से बजरंग को सेमीफाइनल में हार मिली, उनके भारत लौटने के बाद इस बारे में सवाल जवाब भी किए गए थे। बेनतिनिडिस को आगाह किया गया था कि कुश्ती महासंघ की बुराइयां बंद करें।
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