हरियाणा की जनता अगले पांच साल सरकार चलाने के लिए किसे जनादेश देगी, चरण दर चरण मतगणना के बाद तस्वीर लगभग साफ हो रही है. अब तक के रूझानों में किसी भी दल को बहुमत मिलता नहीं नजर आ रहा. सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी कांग्रेस, दोनों ही खेमों के आला नेता त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में सरकार बनाने की रणनीति में जुट गए हैं. वहीं अब परिणाम को लेकर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है.

28 साल के करियर में 52 बार तबादले को लेकर चर्चा में रहे 1991 बैच के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने हरियाणा के नतीजे पर तीखी टिप्पणी की है. उन्होंने ट्वीट कर मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा है. खेमका ने कहा है कि कमजोर निष्क्रियता मनोहर नहीं हो सकती. खेमका का यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनका मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से भी सीधा टकराव हो चुका है और मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया था.
वरिष्ठ आईएएस खेमका की एसीआर में नकारात्मक टिप्पणी और मुख्यमंत्री खट्टर के अंक कम करने को रद्द करते हुए कहा था कि राजनीतिक, सामाजिक और प्रशासनिक प्रणाली में ऐसी व्यावसायिक ईमानदारी को संरक्षित करने की जरूरत है. तब स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने खेमका को 9.92 अंक दिए थे, जिन्हें बगैर कोई कारण बताए मुख्य सचिव ने 8.22 कर दिया था. चुनाव से पहले भी खट्टर सरकार ने नौ आईएएस अधिकारियों का तबादला किया था, जिसमें खेमका भी शामिल थे.
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