महाराष्ट्र में एक बार फिर से मराठी भाषा का मुद्दा गर्माने लगा है, राज्यमंत्री छगन भुजबल ने कहा कि मराठी राज्य की भाषा है और सभी को इसे सीखना चाहिए। यदि सभी स्कूलों (कक्षा 1 से 10) में मराठी भाषा को अनिवार्य बनाने के लिए एक कानून पारित किया जाता है, तो हर कोई इसे सीख सकेगा।
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गौरतलब है कि महाराष्ट्र में मराठी भाषा को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है। शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अध्यक्ष राज ठाकरे भी हमेशा से इसका समर्थन करते रहे हैं। दरअसल हिंदी भाषी क्षेत्र के लोग महाराष्ट्र में रोजगार के अवसर तलाशने के लिए यहां का रुख कर रहे हैं जिससे यहां हिंदी भाषी लोगों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। ऐसे में मराठी भाषा के अनिवार्य होने पर इसमें कमी आयेगी। बता दें कि राज ठाकरे की मनसे मराठी भाषा को लेकर पहले भी आंदोलन चला चुकी है। उस समय महाराष्ट्र में काम कर रहे उत्तर भारतीय लोगों से मारपीट के कई मामले भी सामने आये थे। लेकिन अब छगन भुजबल के इस ताजा बयान ने फिर भाषा को लेकर राजनीति तेज कर दी है।
महाराष्ट्र के स्कूलों में गणतंत्र दिवस से प्रतिदिन सुबह की प्रार्थना के पश्चात संविधान की प्रस्तावना का पाठ करना अनिवार्य कर दिया है। राज्यमंत्री वर्षा गायकवाड़ के अनुसार छात्र संविधान की प्रस्तावना का पाठन करेंगे जिससे छात्र इसके महत्व को समझ सके। हालांकि ये प्रस्ताव काफी पुराना था लेकिन इसे 26 जनवरी से लागू किया जाएगा। इससे पहले यह निर्देश फरवरी 2013 में दिया गया था। राज्य में उस समय कांग्रेस-राकांपा की सरकार थी। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन के बाद ये निर्णय लिया गया है।
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