चीन की घुसपैठ से परेशान जापान ने भारत से मदद की गुहार लगाई है। पूर्वी चीन सागर में चीनी युद्धपोतों की बढ़ती तादाद से तंग आकर जापान ने भारत से सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। जापान के रक्षा मंत्री तारो कोनो ने कहा कि चीन जापान की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। जापानी विदेश मंत्री का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब भारत-चीन के बीच तनाव चरम पर है।
उन्होंने भारत से चीन की विस्तारवादी नीतियों का सामना करने के लिए व्यापक क्षेत्रीय तंत्र बनाने की सिफारिश की है। जापान ने कहा कि चीन अपने प्रभाव का विस्तार करने और सामरिक वर्चस्व कायम करने के लिए कोरोना महामारी का भी इस्तेमाल कर रहा है। इस वजह से जापान और इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है। पूर्वी चीन सागर को लेकर चीन का सभी पड़ोसी देशों से विवाद है। इसे दबाने के लिए चीनी नौसेना इस क्षेत्र में निरंतर युद्धाभ्यास भी कर रही है। जिसके चलते आसपास के देशों को जानबूझकर समुद्र में जाने से रोका जा रहा है।
उन्होंने कहा कि चीन की क्षमता और इरादे दोनों ही गलत ट्रैक पर नजर आ रहे है, जिस वजह से चीन को अंतरराष्ट्रीय नियमों और मानकों का उल्लंघन करने पर कुछ अतिरिक्त कीमत चुकाने के लिए विवश करना होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि जापान और अमेरिका ऐसा अकेले नहीं कर सकते हैं। बता दें कि जापानी प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने के बाद कानो के पीएम बनने की संभावना जताई जा रही है।
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