किसान मजदूर संघर्ष समिति कृषि बिलों के विरोध में आज से 26 सितंबर तक पंजाब में रेल रोको आंदोलन करेंगे. पंजाब में विभिन्न कृषि संगठन पहले ही 25 सितंबर को इस विधेयक के विरोध में ‘बंद’ की घोषणा कर चुके हैं. रेल रोको विरोध प्रदर्शन आज दोपहर में शुरू होगा.
बताया जा रहा है कि अमृतसर, गुरदासपुर, बठिंडा, और जालंधर में बड़े प्रदर्शन हो सकते हैं.
आपको बता दें, संसद में पारित किये गये तीनों कृषि बिलों के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौ. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार बहुमत के नशे में चूर है. राज्यसभा में नियमों की अनदेखी कर के अफ़रा-तफ़री में पारित किए गए किसान बिलों का विरोध करने के लिए 25 सितंबर से देश भर में किसान चक्का जाम करेंगे. भारतीय किसान यूनियन ने इसे किसान कर्फ़्यू का नाम भी दिया है.
किसान यूनियन की मुख्य आपत्तियां
1- राज्यसभा में बिना चर्चा के पास हुए बिल. देश की संसद के इतिहास में पहली दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि अन्नदाता से जुड़े तीन कृषि विधेयकों को पारित करते समय न तो कोई चर्चा की और न ही इस पर किसी सांसद को सवाल करने का सवाल करने का अधिकार दिया गया. टिकैत ने कहा कि यह भारत के लोकतन्त्र के अध्याय में काला दिन है.
2- अगर देश के सांसदों को सवाल पूछने का अधिकार नहीं है तो सरकार महामारी के समय में नई संसद बनाकर जनता की कमाई का 20000 करोड रूपया क्यों बर्बाद कर रही है?
3- आज देश की सरकार पीछे के रास्ते से किसानों के समर्थन मूल्य का अधिकार छीनना चाहती है. जिससे देश का किसान बर्बाद हो जायेगा.
4- मण्डी के बाहर खरीद पर कोई शुल्क न होने से देश की मण्डी व्यवस्था समाप्त हो जायेगी. सरकार धीरे-धीरे फसल खरीदी से हाथ खींच लेगी.
5- किसान को बाजार के हवाले छोड़कर देश की खेती को मजबूत नहीं किया जा सकता. इसके परिणाम पूर्व में भी विश्व व्यापार संगठन के रूप में मिले हैं.
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