दादरी कोतवाली कस्बे में 15 अगस्त को एक झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा नाबालिग को गलत इंजेक्शन लगाने से हुई मौत के मामले में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. लोगों की नाराजगी मामले में पुलिस द्वारा आरोपियों की गिरफ्तारी न किए जाने को लेकर थी. सैकड़ों ग्रामीणों ने पहले कोतवाली का घेराव किया और उसके बाद नेशनल हाईवे पर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए जाम लगाए रखा.
जानकारी के मुताबिक, दादरी कोतवाली क्षेत्र के कस्बे में रहने वाला सौरभ 10वीं का छात्र था. हल्के बुखार का इलाज करवाने वह अपने परिवार के साथ इलाके के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के क्लीनिक गया था. जहां झोलाछाप डॉक्टर ने उसे इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगते ही सौरभ की तबीयत बिगड़ती चली गई. आनन-फानन में उसे पहले दादरी के एक प्राइवेट अस्पताल और फिर उसके बाद गाजियाबाद के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मृतक के परिजनों का आरोप है कि उन्होंने मामले की शिकायत दादरी कोतवाली में की. पुलिस ने हल्की धाराओं में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन तीन दिन बाद भी आरोपी की गिरफ्तार नहीं की गई. जिससे नाराज होकर आज सैकड़ों ग्रामीणों ने पहले दादरी कोतवाली का घेराव किया. जब वहां पीड़ित पक्ष को कोई संतोषजनक जवाब मिला तो नारेबाजी और हंगामा करते हुए लगभग आधे घंटे तक नेशनल हाईवे 91 जाम कर दिया.
जाम के दौरान पुलिसकर्मियों ने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया, लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ने पर पुलिसकर्मी भी भागते नजर आए. हंगामे की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे पुलिस अफसरों ने ग्रामीणों को शांत कराया और आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कहकर जाम खुलवाया. साथ ही आरोपी झोलाछाप डॉक्टर की जल्द गिरफ्तारी का आश्वासन दिया.
मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस इस पूरे मामले में लापरवाही बरतते हुए आरोपी के खिलाफ 304-ए के तहत मुकदमा दर्ज करने से बच रही है.
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