पीने लायक पानी की कमी से जूझ रही दुनियां के लिए इजरायल से राहत भरी खबर आई है। इजरायल की एक कंपनी ने हवा से पानी बनाने की तकनीक को विकसित कर लिया है। सौर ऊर्जा का प्रयोग करके यहां हवा की नमी से पीने का पानी बनाया जा रहा है। घनी आबादी वाले गाजा पट्टी में लंबे समय से लोग जल संकट से जूझ रहे थे, लेकिन इस नई तकनिक से हवा से सीधे पीने योग्य पानी निकलने से लोग खुश हैं।

हवा से पानी बनाने का यह आइडिया रूसी-इजरायली अरबपति माइकल मिरिलाश्विली के दिमाग की उपज है। मिरिलाश्विली की वाटरजेन नामक कंपनी ने एटमोस्फियरिक वाटर जनरेटर विकसित किया है, जो हवा की नमी के आधार पर प्रति दिन 5,000 से 6,000 लीटर (1,300 से 1,500 गैलन से अधिक) पेयजल का उत्पादन कर सकता है।
वॉटरजेन की फिलहाल कुछ ही मशीने गाजा में हवा से पीने लायक पानी बनाने का काम कर रही हैं। कंपनी अभी उन दो 20 लाख लोगों की मांग को पूरा करने से बहुत दूर है, जो इजरायल, मिस्र और भूमध्य सागर के बीच स्थित भीड़ भरे तटीय एन्क्लेव में रहते हैं।
फिलिस्तीनी सिविल सोसाइटी ग्रुप डामोर के एक इंजीनियर फथी शेख खलील का कहना है कि यह अभी शुरुआत है। उनका कहना है कि जब हवा में नमी का स्तर 65 प्रतिशत से ऊपर होता है, तो वॉटरजेन की मशीनें लगभग 5,000 लीटर पीने के पानी का उत्पादन कर सकती हैं। वहीं, नमी का स्तर 90 प्रतिशत से अधिक होने पर अतिरिक्त 1,000 लीटर का उत्पादन किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, गाजा का केवल तीन प्रतिशत ही जल अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरता है। 2012 में कहा गया था कि पारिस्थितिक दबावों ने गाजा रहने लायक नहीं रह जाएगा। कई अध्ययनों में सामने आया है कि गाजा ने पानी की खराब गुणवत्ता के कारण किडनी में स्टोन और डायरिया के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है।
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