दूसरी बार ICC के चेयरमैन चुने गए मनोहर

पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का दूसरी बार चेयरमैन चुना गया। वह निर्विरोध चुनाव जीत गए। मनोहर को 2016 में पहला स्वतंत्र आईसीसी चेयरमैन चुना गया था और अब वह दूसरी बार निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद अगले दो वर्ष तक इस पद पर बने रहेंगे।

चुनाव प्रक्रिया के अनुसार, आईसीसी निदेशकों में प्रत्येक एक उम्मीदवार को नामित करने की अनुमति होती है। उम्मीदवार पूर्व या वर्तमान में आईसीसी निदेशक होना चाहिए। हालांकि जिस नामित को दो या उससे अधिक निदेशकों का समर्थन मिलता है तो वह चुनाव लड़ने के योग्य माना जाता है लेकिन मनोहर के मामले में वह अकेले उम्मीदवार थे और चुनाव प्रक्रिया को देख रहे ऑडिट कमिश्नर एडवर्ड क्विनलैन ने चुनावी प्रक्रिया पूरी होने और मनोहर के चुने जाने की घोषणा की।

मनोहर का दूसरे कार्यकाल के लिए चुना जाना पिछले महीने कोलकाता में आईसीसी की तिमाही बैठक में तय हो गया था क्योंकि उनकी उम्मीदवारी का किसी ने विरोध नहीं किया था। मनोहर ने कहा, ‘आईसीसी का फिर चेयरमैन चुना जाना मेरे लिए सम्मान की बात है और मैं अपने आईसीसी के निदेशकों का लगातार मेरा समर्थन करने के लिए धन्यवाद देता हूं। पिछले दो वर्षों में हमने मिलकर आगे कदम बढ़ाए हैं और मैंने 2016 में जो वादे पूरे किए थे, उन्हें पूरा किया।’

आईसीसी वर्किंग ग्रुप की बैठक गुरुवार को

आईसीसी वर्किंग ग्रुप यहां गुरुवार को विश्व क्रिकेट में मौजूदा मुद्दों और टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को लेकर बीसीसीआई के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेगा। आईसीसी में वर्किंग ग्रुप समूह नीतियों को तैयार करता है और फिर अपने हितधारकों (सदस्य, प्रायोजकों) से प्रतिक्रिया लेता है। बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी और सीईओ राहुल जौहरी बैठक में जानकारी देंगे। बैठक में इस बात पर भी चर्चा होगी कि टेस्ट क्रिकेट को कैसे जिंदा रखा जाए और टी-20 में बढ़ती लोकप्रियता को कायम रखा जाए।

सीके खन्ना ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट अंतिम प्रारूप है और मुझे भरोसा है कि सभी हितधारक एक ही रास्ता तय करेंगे। मेरा मानना है कि सभी तीन प्रारूप अस्तित्व में रह सकते हैं। मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई द्वारा सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा।’ डे-नाइट टेस्ट क्रिकेट भी एक और अन्य मुख्य मुद्दा होने की उम्मीद है। हालांकि भारतीय टीम मैनेजमेंट ने प्रशासकों की समिति (सीओए) को बताया था कि उन्हें डे-नाइट टेस्ट के लिए कम से कम 18 महीने तैयार होने में लगेंगे। आईसीसी के लिए दर्शकों का टेस्ट से दूर होना एक बड़ी परेशानी है और उसे लगाता है कि डे-नाइट से इस कमी को दूर किया जा सकता है।

श्रीसंत पर फैसला जुलाई तक हो : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट से कहा कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेट एस. श्रीसंत सहित कई खिलाड़ियों को आरोप मुक्त करने के निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर अपील का जुलाई के अंत तक फैसला किया जाए। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा कि वह क्रिकेट खिलाड़ी की क्रिकेट खेलने की उत्सुकता को समझती है परंतु निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अपील पर उच्च न्यायालय के निर्णय का इंतजार करेगी।

श्रीसंत ने अंतरिम निर्देश देने का अनुरोध किया कि आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आरोप मुक्त किए जाने के तथ्य के मद्देनजर उन्हें इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में खेलने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनका कहना है कि वह चार साल से इस प्रतिबंध को सह रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने श्रीसंत और दो अन्य खिलाड़ियों अजित चंदीला तथा अंकित चव्हाण को 2013 में आइपीएल के दौरान स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।

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