दिल्ली सरकार के श्रमिक कल्याण बोर्ड ने बुधवार को रजिस्टर हो चुके मजदूरों को राहत राशि देने की पुष्टि की है. कोरोना काल के दौरान दिल्ली छोड़कर हजारों मजदूर अलग-अलग राज्यों में अपने घर चले गए थे. इस बीच 407 मजदूरों को राहत राशि देने का दावा किया गया है. वहीं सरकार आने वाले दिनों में 2000 से अधिक निर्माण श्रमिकों को राहत फंड से देने की तैयारी कर रही है.

इस बीच 407 निर्माण श्रमिकों को कोविड राहत के तहत 10,000 रुपये दिए गए हैं. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने तमाम मजदूरों को दिल्ली बिल्डिंग और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ रजिस्टर कराने की अपील की है. आपको बता दें कि श्रम विभाग के साथ रजिस्ट्रेशन करवा चुके मजदूरों को दिल्ली सरकार कई तरह की आर्थिक मदद और फायदे देती है.
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीडब्लूडी विभाग के अधिकारीयों के साथ बैठक की. इस बैठक में मुख्यमंत्री ने यूरोपियन शहरों की तर्ज पर बनाई जा रहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सड़कों के सौंदर्यीकरण का काम निर्धारित समय सीमा के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया है. इन सड़कों की कुल लंबाई 540 किलोमीटर और चौड़ाई 100 फीट प्रस्तावित है. सरकार ने इन सड़कों के सौदर्यीकरण को साल 2023 की शुरुआत तक पूरा करने का टारगेट तय किया है.
सीएम ने अधिकारियों से कहा कि सड़कों के सौंदर्यीकरण में किसी भी स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. दिल्ली सरकार ने 15 वर्षों तक इन सड़कों का रखरखाव सुनिश्चित करने के लिए निर्माण एजेंसी को जिम्मेदारी दी है. एजेंसी की जिम्मेदारी होगी कि वह सड़कों के विकसित बुनियादी ढांचे को बनाए रखे. साथ ही कचरा हटाने, सड़कों की धुलाई करने, हरियाली का रखरखाव, फुटपाथ की नियमित पेंटिंग, सड़क के फर्नीचर का रखरखाव और उसकी सुरक्षा करने की जिम्मेदारी भी एजेंसी की होगी.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने नवंबर 2019 में पीडब्ल्यूडी के अधिकार क्षेत्र में आने वाली कुछ सड़कों को री-डिजाइन करने की मंजूरी दी थी. इसके तहत दिल्ली सरकार ने 100 फीट, चौड़ी 540 किलोमीटर लंबी सड़कों को यूरोपीयन शहरों की तर्ज पर खूबसूरत बनाने का फैसला किया है. अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत दिल्ली की 7 सड़कों को री-डिजाइन करने को मंजूरी दी गई है.
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