दुनिया

बिगड़ती हुई आर्थिक संकट से जूझता पाक, क्या इससे उबर पाएगा?

पाकिस्तान अपनी बिगड़ती हुई आर्थिक स्थिति के चलते लगातार कर्जे के बोझ तले दबता जा रहा है। अभी हाल ही में एक खबर आई है जिसमें सवाल उठाया गया है कि चीन के बेशुमार कर्ज तले दबा पाकिस्तान क्या इससे …

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चीन कर रहा अंतरिक्ष में अमेरिका को पछाड़ने की तैयारी, जानिए क्‍या है प्रोजेक्‍ट

लांग मार्च रॉकेट चीन की सरकार के द्वारा संचालित एक्सपेंडेबल लांच सिस्टम का एक रॉकेट परिवार है। इसका विकास और डिजाइन चीन अकादमी प्रक्षेपण यान प्रौद्योगिकी में किया गया। रॉकेट का नाम चीनी कम्युनिस्ट इतिहास के लांग मार्च की घटना के बाद नामित किया गया। लेकिन बीते तीन दशकों में चीन ने अंतरिक्ष अभियान में अरबों डॉलर झोंके हैं। बीजिंग ने रिसर्च और ट्रेनिंग पर भी खासा ध्यान दिया है। यही वजह है कि 2003 में चीन ने चंद्रमा पर अपना रोवर भेज दिया और वहां अपनी लैब बना दी।

अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को चुनौती देने के लिए चीन अत्यधिक शक्तिशाली रॉकेट का निर्माण कर रहा है। मार्च-9 नाम का यह रॉकेट नासा के रॉकेट से अधिक भार पृथ्वी की निचली कक्षा में ले जाने …

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नेस्तोनाबूद हो गया आतंक का एक नाम, मारा गया आईएस सरगना बगदादी का बेटा

सीरिया के होम्स प्रांत में जिहादियों के एक हमले के दौरान इस्लामिक स्टेट सरगना अबू बकर अल-बगदादी का बेटा हुदायफाह अल-बद्री मारा गया. आईएस की प्रोपैगैंडा एजेंसी अमाक ने एक बयान में कहा, ‘‘होम्स में थर्मल पावर स्टेशन पर नुसायरियाह और रूस के खिलाफ अभियान में अल-बद्री मारा गया.’’ अमाक ने इसके साथ एक युवक की तस्वीर जारी की है जिसके हाथ में राइफल है. इराकी बलों के आतंकवाद रोधी अभियान में जिहादियों को काफी हद तक खदेड़ा गया आईएस राष्ट्रपति बशर अल-असद के अलावैत धार्मिक अल्पसंख्यक पंथ के लिए नुसायरियाह शब्द का इस्तेमाल करता है.आईएस ने 2014 में ईराक के बड़े हिस्से पर कब्जे के बाद सीरिया और ईराक में खुद को खलीफा घोषित किया था. बहरहाल, तब से लेकर अब तक सीरिया और इराकी बलों के आतंकवाद रोधी अभियान में जिहादियों को काफी हद तक खदेड़ा गया. इराकी सरकार ने आईएस पर जीत का एलान किया था पिछले साल इराकी सरकार ने आईएस पर जीत का एलान किया था लेकिन सेना अब भी सीरियाई सीमा पर ज्यादातर मरुस्थलीय इलाकों को निशाना बनाकर अभियान चला रही है. बगदादी पर है दो करोड़ 50 लाख डॉलर का इनाम इराक के एक खुफिया अधिकारी ने मई ने बताया था कि कई मौकों पर मृत घोषित किया गया आईएस नेता बगदादी अब भी जिंदा है और सीरिया में है. बगदादी को ‘‘ धरती पर सबसे वांछित व्यक्ति’’ घोषित किया गया है और अमेरिका ने उसे पकड़ने पर दो करोड़ 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है

सीरिया के होम्स प्रांत में जिहादियों के एक हमले के दौरान इस्लामिक स्टेट सरगना अबू बकर अल-बगदादी का बेटा हुदायफाह अल-बद्री मारा गया. आईएस की प्रोपैगैंडा एजेंसी अमाक ने एक बयान में कहा, ‘‘होम्स में थर्मल पावर स्टेशन पर नुसायरियाह …

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ईरान से तेल निर्यात पर भारत को नहीं मिलेगी कोई छूट

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा है कि भारत और तुर्की जैसे देशों को ईरान से तेल के आयात पर कोई छूट नहीं मिलेगी. ट्रंप सरकार का मानना है कि अगर इन देशों को कोई छूट दी गई तो ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध बेअसर साबित होंगे. इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान वो तीसरा देश है जो भारत को सबसे ज़्यादा तेल निर्यात करता है. अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के बीच ईरान ने भारत को 18.4 मिलियन टन तेल का निर्यात किया है. अमेरिका ने जारी की है 11 देशों की लिस्ट अमेरिका ने 11 देशों से कहा है कि वो ईरान से तेल लेना बंद कर दें. इन 11 देशों की लिस्ट में भारत का भी नाम शामिल है. अमेरिका ने ईरान पर जो ताज़ा प्रतिबंध लगाए हैं उसके तहत वो चाहता है कि ये 11 देश और इससे जुड़ी कंपनियां ईरान से तेल लेना बंद कर दें. एक सावल के जवाब में एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि ट्रंप के देश ने भारत और चीन को भी उन देशों की लिस्ट में शामिल किया है जिनसे चार नवंबर के बाद ईरान से तेल का कारोबर बंद कर देने की उम्मीद जताई जा रही है. लेकिन चीन इसे मानता नज़र नहीं आ रहा. अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि भारत और चीन इस लिस्ट में सबसे बड़े और ज़रूरी देश हैं क्योंकि उनकी एनर्जी की ज़रूरतें बहुत ज़्यादा हैं. ऐसे में ईरान पर लगे प्रतिबंध का इन देशों और इनकी कंपनियों को पालन करना होगा. अधिकारी ने याद दिलाया कि साल 2015 के पहले भी अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगा रखे था. ताज़ा प्रतिबंधों के तहत ये तय किया जाएगा कि भारत और चीन जैसे देशों का ईरान के साथ तेल व्यापार शून्य पर चला जाए. अमेरिका का मानना है कि भारत-चीन समेत लिस्ट में शामिल 11 देशों और इनसे जुड़ी कंपनियों को अभी से ईरान के साथ तेल के व्यापार में कमी लाना शुरू कर देना चाहिए और चार नवंबर तक इसे ज़ीरो पर ले आना चाहिए. मई में परमाणु समझौते से अलग हुआ था अमेरिका अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मई महीने में ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी. ओबामा के समय के इस समझौते की ट्रंप पहले ही कई बार आलोचना कर चुके हैं. समझौते से अलग होते हुए ट्रंप ने कहा था, ‘‘मेरे लिए यह साफ है कि हम ईरान को परमाणु बम बनाने से नहीं रोक सकते. ईरान समझौता कई खामियों से भरा और एकतरफा है.’’ अलग होने के बाद उन्होंने ईरान के खिलाफ ताजा प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए थे और बाकी के देशों को ईरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर उसका साथ देने के खिलाफ चेतावनी दी थी. ट्रंप ने कहा था कि इस समझौते ने ईरान को बड़ी मात्रा में धन दिया और इसे परमाणु हथियार हासिल करने की तरफ बढ़ने से नहीं रोक सका. अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही ट्रंप ने ओबामा के कार्यकाल में किए गए ईरान परमाणु समझौते की कई बार आलोचना की थी. उन्होंने समझौते को खराब बताया था. इस समझौते की मध्यस्थता करने वाले तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी थे. जुलाई 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों और जर्मनी (P5+1) के अलावा यूरोपीय यूनियन के बीच वियना में ईरान परमाणु समझौता हुआ था. क्या था समझौता और क्यों हुआ फेल ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते के मुताबिक ईरान को अपने संवर्धित यूरेनियम के भंडार को कम करना था और अपने परमाणु संयंत्रों को निगरानी के लिए खोलना था, बदले में उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों में रियायत दी गई थी. डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाए कि ईरान समझौते के बाद भी दुनिया से छिपकर अपने परमाणु कार्यक्रम को जारी रखे हुए है जिसके बाद ईरान ने चेतावनी दी है कि अगर समझौता फेल हुआ तो वो पहले से कहीं ज्यादा यूरेनियम का संवर्धन करेगा.

अमेरिका के डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा है कि भारत और तुर्की जैसे देशों को ईरान से तेल के आयात पर कोई छूट नहीं मिलेगी. ट्रंप सरकार का मानना है कि अगर इन देशों को कोई छूट …

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OMG एक साथ इतनी जगह से चुनाव लड़ रहे है इमरान खान

25 जुलाई को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव होने जा रहे है जहा कुल 849 सामान्य सीटों पर 11,855 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे है. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग की पहली सूची के अनुसार नेशनल असेंबली की 272 सामान्य सीटों पर 3,459 उम्मीदवार और चार प्रांतीय विधानसभाओं की 577 सामान्य सीटों पर 8,396 उम्मीदवार चुनाव मैदान में है. नेशनल असेंबली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित की जाती है और कुल 342 सदस्य में से 272 सीधे निर्वाचित किए जाते हैं, जबकि 60 सीट महिलाओं तथा 10 सीट धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. सूत्रों ने से मिली खबर में लिखा है कि आंकड़ों से पता चलता है कि इस बार के चुनाव में 2013 के आम चुनाव के मुकाबले उम्मीदवारों की संख्या में काफी कमी आई है. 2013 में 15,629 उम्मीदवार मैदान में थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पी एम एल एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ तीन प्रांतों के चार निर्वाचन क्षेत्रों-एन ए-132 (लाहौर), एन ए-192 (डेरा गाजी खान), एन ए-249 (कराची) और एन ए-3 (स्वात) से चुनाव लड़ रहे हैं. क्रिकेटर से नेता बने और पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान पांच निर्वाचन क्षेत्रों-एन ए-35 (बन्नू), एन ए-53 (इस्लामाबाद), एन ए-95 (मियांवाली), एन ए-131 (लाहौर) तथा एन ए-243 (कराची) से चुनाव लड़ रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी एन ए-158 (मुल्तान) सीट से चुनाव मैदान में हैं, जबकि उनके बेटे अली मूसा गिलानी और अली कादिर गिलानी एन ए-157 और एन ए-154 सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव 25 जुलाई को होने है.

25 जुलाई को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और प्रांतीय विधानसभाओं के चुनाव होने जा रहे है जहा कुल 849 सामान्य सीटों पर 11,855 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे है. पाकिस्तान निर्वाचन आयोग की पहली सूची के अनुसार नेशनल असेंबली की …

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मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री हिरासत में

राज्य विकास निधि 1एमडीबी भ्रष्टाचार मामले में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को मंगलवार को पुलिस हिरासत में लिया गया है. मलयेशियाई भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एमएसीसी) ने एक बयान में कहा कि नजीब को 1एमडीबी की पूर्व इकाई, एसआरसी इंटरनेशनल से जुड़ी जांच के सिलसिले में अपराह्न 2.35 बजे उनके घर से गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने कहा कि नजीब पर वर्ष 2009 में उनके द्वारा स्थापित निधि से 70 करोड़ डॉलर गबन करने का आरोप है. एमएसीसी ने कहा कि नजीब को बुधवार को कुआलालंपुर अदालत में आरोपित किया जाएगा. मई में प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद के हाथों हार का सामना करने के बाद से ही नजीब के खिलाफ जांच चल रही है. नजीब ने किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है. संपत्तियों पर छापेमारी के दौरान पुलिस द्वारा जब्त किए गए गहनों और दूसरे सामानों की कीमत को काफी बढ़ा चढ़ाकर पेश करने की बात इससे पहले 28 जून को मलयेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक सार्वजानिक रूप से कह चुके है. मामला हाई प्रोफाइल होने से देशभर की नज़रे इस पर आ टिकी है

राज्य विकास निधि 1एमडीबी भ्रष्टाचार मामले में मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक को मंगलवार को पुलिस हिरासत में लिया गया है. मलयेशियाई भ्रष्टाचार रोधी आयोग (एमएसीसी) ने एक बयान में कहा कि नजीब को 1एमडीबी की पूर्व इकाई, एसआरसी …

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मैक्सिको को 2-0 से हराकर ब्राजील क्वार्टर फाइनल

फीफा वर्ल्ड में ब्राजील ने मैक्सिको को 2-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है. जर्मनी को टूर्नामेंट से बाहर करवाने में अहम् भूमिका निभाने वाली मैक्सिको की टीम पांच बार के चैम्पियन ब्राजील के सामने बेबस नज़र आई. स्टार खिलाड़ी नेमार भी आज पुरे रंग में दिखे और 51वें मिनट में उन्होंने टीम के लिए पहला गोल दागा, वर्ल्ड कप में नेमार की गोलों की संख्या अब 6 हो गई है. ब्राजील की ओर से नेमार ने अब तक 89 मैचों में 57 गोल दागे हैं. जबकि स्थानापन्न रॉबर्टो फर्मिनो ने 88वें मिनट में ब्राजील को निर्णायक बढ़त दिलवा दी और मैक्सिको को बाहर का रास्ता दिखाया. नेमार ने दूसरा गोल करने में फर्मिनो का साथ भी निभाया. ब्राजील अब क्वार्टर फाइनल में बेल्जियम से शुक्रवार को मुकाबले में आमने सामने होगा. इस मैच ने रेकॉर्ड को भी पलटा है - मैक्सिको के खिलाफ मैच में ब्राजील ने दो गोल किये और अब वो वर्ल्ड कप में गोल करने के मामले में शीर्ष पर आ गया है . 228 गोल: ब्राजील 226 गोल : जर्मनी 137 गोल : अर्जेंटीना 128 गोल: इटली 113 गोल: फ्रांस

फीफा वर्ल्ड में ब्राजील ने मैक्सिको को 2-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है. जर्मनी को टूर्नामेंट से बाहर करवाने में अहम् भूमिका निभाने वाली मैक्सिको की टीम पांच बार के चैम्पियन ब्राजील के सामने …

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लंदन से न्‍यूयॉर्क की 8 घंटे की दूरी इस विमान में सिर्फ 2 घंटे में होगी तय

खास होगा निर्माण ऐसे विमानों के निर्माण में कॉर्बन नैनोट्यूब और बोरोन नाइट्राइड नैनोट्यूब सामग्री का इस्तेमाल होता है। यह सामग्री स्टील से अधिक मजबूत होती है और गर्मी को बर्दाश्त कर सकती है। कॉर्बन नैनोट्यूब 400 डिग्री तापमान झेल सकता है। वहीं बीएनएनटी 900 डिग्री का तापमान झेल सकता है। यह उच्च दबाव को भी झेल सकता है और बहुत ही हल्का होता है।

महज कल्पना करके कोई भी सिहर सकता है कि जिस लंदन से न्यूयॉर्क की हवाई यात्रा में अभी आठ घंटे लगते हैं, उसे भविष्य में सिर्फ दो घंटे में ही पूरा किया जा सकेगा। अमेरिकी विमान निर्माता कंपनी बोइंग यह कमाल …

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ब्रिटिश रक्षा मंत्री का आरोप, सीतारमण के व्‍यवहार को देख वार्ता को किया रद्द

ब्रिटिश रक्षा मंत्री गेविन विलियमसन पर अपनी भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण को महत्व न देने का आरोप लगा है। इसके चलते विलियमसन कैबिनेट के अपने साथियों के निशाने पर आ गए हैं। सीतारमण हाल में ब्रिटेन-भारत सप्ताह में भाग लेने के लिए लंदन गई थीं। द संडे टाइम्स के अनुसार निर्मला सीतारमण 20 से 22 जून तक ब्रिटेन के दौरे पर थीं। इस दौरान उनसे मुलाकात के लिए भारतीय अधिकारियों ने रक्षा मंत्री विलियमसन से समय निश्चित किया था, लेकिन ऐन मौके पर विलियमसन ने यह मुलाकात रद कर दी। इस पर उनके साथी विदेश मंत्री बोरिस जॉनसन और एक अन्य मंत्री ने सवाल उठाया है। विलियमसन को भारत और सीतारमण के महत्व के बारे में बताया। बताया कि भारत दुनिया में तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था है जिसका रक्षा बजट 50 अरब डॉलर का है। ऐसे में उसकी अनदेखी करना उचित नहीं है। भारतीय रक्षा मंत्रालय ने इस मीडिया रिपोर्ट या विलियमसन के मुलाकात रद्द करने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की है, लेकिन रक्षा संबंधों पर अगले सप्ताह ब्रिटेन के साथ होने वाली वार्ता रद्द कर दी है। उल्लेखनीय है कि भारत ब्रिटेन का 17 वां सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी है। दोनों देशों के बीच बीते वित्त वर्ष में 16 अरब पाउंड (1.45 लाख करोड़ रुपये) का कारोबार हुआ। लंदन और बकिंघमशायर में 18 से 22 जून तक ब्रिटेन-इंडिया वीक आयोजित करने वाले मनोज लाडवा ने कहा है कि विलियमसन अगर सीतारमण से मुलाकात करते तो अच्छा होता। यह मुलाकात न होने से कुछ नुकसान तो हुआ।

ब्रिटिश रक्षा मंत्री गेविन विलियमसन पर अपनी भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण को महत्व न देने का आरोप लगा है। इसके चलते विलियमसन कैबिनेट के अपने साथियों के निशाने पर आ गए हैं। सीतारमण हाल में ब्रिटेन-भारत सप्ताह में भाग लेने …

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आतंकी हमले के बाद अफगानी सिख बोले, अब हम यहां नहीं रह सकते

अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को हिंदू-सिख समुदाय पर हुए आत्मघाती हमले के बाद अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर भारत जाने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब अफगानिस्तान में नहीं रह सकते। इस हमले में अक्टूबर में होने वाले संसदीय चुनाव के एक मात्र सिख उम्मीदवार अवतार सिंह खालसा और समुदाय के प्रमुख कार्यकर्ता रवैल सिंह भी मारे गए। अफगानिस्तान में "नेशनल पैनल ऑफ हिंदू एंड सिख" के सचिव तेजवीर सिंह (35) ने कहा, "मेरा स्पष्ट मत है कि अब हम यहां नहीं रह सकते। इस्लामी आतंकवादी हमारी धार्मिक मान्यताओं को सहन नहीं करेंगे। हम अफगानी हैं। सरकार हमें मान्यता देती है, लेकिन आतंकवादी हमें निशाना बनाते हैं क्योंकि हम मुस्लिम नहीं हैं।" तेजवीर के अंकल भी रविवार को हुए हमले में मारे गए हैं। उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान में अब सिख परिवार 300 से भी कम रह गए हैं। सिखों के देश में सिर्फ दो ही गुरुद्वारे हैं। एक जलालाबाद में तो दूसरा राजधानी काबुल में। 1990 में गृह युद्ध शुरू होने से पहले अफगानिस्तान में करीब 2.5 लाख हिंदू और सिख रह रहे थे। यहां तक कि एक दशक पहले तक अमेरिकी विदेश विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक वहां लगभग तीन हजार हिंदू और सिख रह रहे थे। लेकिन राजनीतिक प्रतिनिधित्व और धार्मिक आजादी के बावजूद इस्लामी आतंकी समूहों की ओर से उन्हें पूर्वाग्रह, उत्पीड़न और हिंसा का सामना करना पड़ा। लिहाजा समुदाय के हजारों लोग भारत पलायन कर गए। जलालाबाद में किताबों और कपड़ों की दुकान चलाने वाले बलदेव सिंह कहते हैं, "हमारे पास दो विकल्प हैं, या तो भारत चले जाएं या इस्लाम अपना लें। "हम कायर नहीं" हालांकि, कुछ सिखों का अफगानिस्तान छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। उनमें से एक, और काबुल में दुकान चलाने वाले संदीप सिंह ने कहा, "हम कायर नहीं हैं। अफगानिस्तान हमारा देश है और हम कहीं नहीं जा रहे हैं।" आईएस ने ली जिम्मेदारी रविवार को हुए हमला आतंकी संगठन "इस्लामिक स्टेट" (आईएस) ने किया था। संगठन ने सोमवार को एक बयान जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली। "अशरफ गनी को मौत, सरकार को मौत" के लगे नारे हमले में मारे गए लोगों के ताबूत सोमवार को जब एंबुलेंस में रखे जा रहे थे तो समुदाय के शोकाकुल लोगों ने "अशरफ गनी को मौत, सरकार को मौत" के नारे लगाए। अवतार सिंह के पुत्र नरेंद्र सिंह ने कहा, "इस हमले में हमारे कई ऐसे बुजुर्ग मारे गए जो अपने देश को किसी भी अन्य चीज से ज्यादा प्यार करते थे। हम प्रत्यक्ष निशाना थे। लेकिन सरकार वास्तव में हमारी कोई परवाह नहीं करती।" अफगानी राष्ट्रपति ने जताया शोक अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हमले में मारे गए हिंदू-सिखों के परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त कीा है। उन्होंने कहा, "जलालाबाद हमले में मारे गए हमारे अफगान नागरिकों के परिवारों के लिए हमारे दिलों में बेहद दुःख है। हमारे स्वाभिमानी और उदार अफगान सिखों के निधन से मैं बेहद दुखी हूं। उनमें से कई से मुझे कई बार बातचीत का सम्मान मिला था। मैं अपने साथी अफगान नागरिकों से कहना चाहता हूं कि वे जरूरतमंदों की ओर मदद का हाथ बढ़ाएं। इस मुश्किल वक्त से निकलने में मदद के लिए मैं हर मुमकिन कार्य करूंगा।"

अफगानिस्तान के पूर्वी शहर जलालाबाद में रविवार को हिंदू-सिख समुदाय पर हुए आत्मघाती हमले के बाद अल्पसंख्यक सिख समुदाय के लोग देश छोड़कर भारत जाने पर विचार कर रहे हैं। उनका कहना है कि वे अब अफगानिस्तान में नहीं रह …

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