डॉक्टरों की लापरवाही आजकल दुनिया भर में चर्चा का विषय है। भगवान का दूसरा रूप माने जाने वाले डॉक्टरों से भी कई बार ऐसी गलतियाँ हो जाती हैं तो इस पेशे पर सवालिया निशान लगा देती हैं। हाल ही में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ पर डॉक्टरों ने एक महिला को मृत घोषित करते हुए उसका मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया। परिजनों द्वारा उसे दफनाने के लिए ताबूत में रख दिया गया लेकिन कुछ देर बाद ही ताबूत में बंद महिला सांस लेने लगी। परिजनों ने उसे ताबूत से बाहर निकाला और उसे फिर उसी अस्पताल में भर्ती करवाया जहाँ उसे पहले मृत घोषित कर दिया गया था। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
यह मामला इक्वाडोर के बाबाहोयो शहर का है. जहां एक 76 साल की महिला बेला मोंटाया को मार्टिन इकाजा के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया। महिला को भर्ती करने के थोड़ी देर बाद डॉक्टरों ने महिला को मृत करार दे दिया और उसके नाम का डेथ सर्टिफिकेट भी इश्यू कर दिया। महिला के मरने की सूचना जब उसके घर वालों को मिली, तब वह सकते में आ गए और डेड बॉडी को घर ले जाने के लिए एक ताबूत का इंतजाम करने लगे।
ताबूत में महिला की कथित डेड बॉडी को रखकर उसके परिवार वाले जब घर पहुंचते हैं, तब नजारा बिल्कुल अलग होता है। इस दौरान घरवाले चौक उठते हैं क्योंकि ताबूत में बंद महिला सांस ले रही थी। घर पहुंचने पर परिवार वालों को पता चलता है कि बेला मोंटाया अभी जिंदा हैं। इससे जुड़ा वीडियो भी जारी किया गया है जिसमें घर के दो सदस्य महिला को ताबूत से उठाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस वीडियो को ईएल इनफारमेटिनी नामक अकाउंट से अपलोड किया गया है। इसके बाद फिर से उन्हें उसी अस्पताल में ले जाया जाता है जहां उन्हें मृत घोषित किया गया था। मोंटाया के बेटे गिल्बर्ट बलबर्न शिकायत की कि उसकी मां जिंदा थी फिर भी उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया गया था। फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है। खबरों की मानें तो अभी महिला को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है।
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