टोनी क्रूस द्वारा इंज्यूरी टाइम (90+5 वें) में किए गए गोल की बदौलत जर्मनी ने विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट के समूह-एफ के मुकाबले में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए स्वीडन को 2-1 से हरा दिया। साथ ही गत विजेता टीम ने अगले दौर में पहुंचने की उम्मीदों को कायम रखा है।

इस जीत के साथ ही जर्मनी ने विश्व कप में स्वीडन के खिलाफ अपना जीत का रिकॉर्ड बरकरार रखा। पिछले 12 मैचों में उसे स्वीड

न से हार नहीं मिली है। जर्मनी ने शुरुआती हमले किए और वह गोल करने के करीब भी पहुंचा। 10वें मिनट में मार्को रेयस ने मूव बनाया और टिमो वर्नर को पास दिया, लेकिन स्वीडन के विक्टर लिंडेलोफ ने उसे नाकाम कर दिया। इसी के काउंटर अटैक में बर्ग को मौका मिला ले

टोनी क्रूस द्वारा इंज्यूरी टाइम (90+5 वें) में किए गए गोल की बदौलत जर्मनी ने विश्व कप फुटबॉल टूर्नामेंट के समूह-एफ के मुकाबले में एक गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए स्वीडन को 2-1 से हरा दिया। साथ ही गत विजेता टीम ने अगले दौर में पहुंचने की उम्मीदों को कायम रखा है।  इस जीत के साथ ही जर्मनी ने विश्व कप में स्वीडन के खिलाफ अपना जीत का रिकॉर्ड बरकरार रखा। पिछले 12 मैचों में उसे स्वीडन से हार नहीं मिली है। जर्मनी ने शुरुआती हमले किए और वह गोल करने के करीब भी पहुंचा। 10वें मिनट में मार्को रेयस ने मूव बनाया और टिमो वर्नर को पास दिया, लेकिन स्वीडन के विक्टर लिंडेलोफ ने उसे नाकाम कर दिया। इसी के काउंटर अटैक में बर्ग को मौका मिला लेकिन वह नाकाम हो गया।  32वें मिनट में ओला तोइवोनेन ने गोल कर स्वीडन को 1-0 की बढ़त दिला दी। मध्यांतर तक यही स्कोर रहा। 1970 विश्व कप में सेमीफाइनल के बाद यह पहला मौका रहा जब जर्मनी मध्यांतर में गोलों के मामले में पिछड़ रहा था। मध्यांतर के बाद तीसरे मिनट में जर्मनी के मार्को रेयस ने गोल कर टीम को 1-1 की बराबरी दिला दी। 82वें मिनट में जेरोम बाओटेंग को रेफरी ने लाल कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया, जिसके बाद वह 10 खिलाड़ी से खेला।  अंतिम मिनट में जर्मनी ने विपक्षी गोल पर कई हमले किए लेकिन स्वीडिश गोलकीपर ओलसन ने उन्हें सफल नहीं हो सके। जर्मनी के मारियो गोमेज के हेडर को ओलसन ने बार के ऊपर से निकाल दिया। जब लगा कि मैच बराबरी पर खत्म हो जाएगा तो क्रूस ने फ्री किक से गोल दागते हुए टीम को 2-1 की जीत दिला दी।  टोवोनन का टशन : चार बार की विश्व चैंपियन जर्मनी ने आक्रामक शुरुआत की। तीसरे मिनट में टिमो वार्नर से हेडर के जरिये मिले पास पर जूलियन ड्रेक्सेलर ने पेनाल्टी स्पॉट से किक लगाया, लेकिन उसे स्वीडन के डिफेंडर ग्र्रैनक्विस्ट ने अपने शरीर से रोकते हुए गोल के मौके को जाया कर दिया। आधे घंटे के खेल में गेंद पर ज्यादातर समय तक कब्जा जर्मनी का रहा, लेकिन मौका टोवोनन ने मारा। खेल के 32वें मिनट में क्लेसन से मिले पास को टोवोनेन ने नॉयर के ऊपर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाकर जर्मन खेमे में हलचल मचा दी। इसके बाद जर्मनी ने हमला बोला। पहले गुंडोगन के और फिर मूलर के प्रयास को स्वीडन के गोलकीपर ओल्सन ने बेकार कर दिया। हाफ टाइम के इंजुरी टाइम में नॉयर ने स्वीडन को दोहरी बढ़त लेने से उस समय रोक दिया जब लार्सन की फ्री किक पर बर्ग ने गेंद को हेडर के जरिये गोल पोस्ट में पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन नॉयर ने अपनी दायीं ओर गोता लगाते हुए शानदार बचाव किया।  रीस ने कराई वापसी : दूसरा हाफ जब शुरू हुआ तब जर्मनी को पता था कि उसे सबसे पहले स्वीडन की बढ़त को खत्म करना था और काम किया मार्को रीस ने। खेल के 48वें मिनट में ड्रैक्सेलर की जगह खेलने आए मारियो गोमेज ने रीस को स्वीडन के डी में गेंद दी जिस पर रीस ने जादुई टच देकर जर्मनी को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद तो गेंद जैसे स्वीडन के पाले में चिपक सी गई। जर्मन टीम लगातार हमले बोलती रही लेकिन कभी किस्मत तो कभी स्वीडन के गोलकीपर की चपलता की वजह से जर्मनी बढ़त नहीं ले पा रहा था।  बोएटेंग को रेड कार्ड : खेल के 72वें मिनट में पहला यलो कार्ड झेलने वाले बोएटेंग को 10 मिनट बाद दूसरा यलो कार्ड दिखाया गया। दो यलो कार्ड यानी एक रेड कार्ड और बोएटेंग को मैदान से बाहर जाना पड़ा जिससे जर्मनी को आगे का खेल सिर्फ 10 खिलाड़ियों से पूरा करना पड़ा। स्वीडन के बर्ग को बोएटेंग का गिराना महंगा पड़ा और इसका हर्जाना उन्हें मैदान से बाहर जाकर चुकाना पड़ा। खेल के 88वें मिनट में स्वीडन के गोलकीपर ने एक शानदार बचाव किया। निर्धारित समय में खेल बराबरी पर जरूर रहा लेकिन उसका रोमांच कम नहीं था। जब खेल इंजुरी टाइम में गया तो रोमांच भी चरम पर पहुंच गया। इस दौरान जर्मनी की टीम लगातार हावी रही और आखिरी मिनट में मिली फ्री किक पर क्रूस ने अपनी टीम के लिए विजयी गोल दागकर जर्मन खेमे में खुशियां बिखेर दीं।  लो ने बदली टीम : इस अहम मुकाबले के लिए जर्मन कोच जोकिम लो ने चार अहम बदलाव किए और मैट हुमेल्स, सामी खेदिरा, मेसुट ओजिल और प्लाटेंडार्ट को बाहर रखा। उधर स्वीडन के कोच जेनी एंडरसन ने एक बदलाव करते हुए जैनसन की जगह बीमारी से उबरकर लौटे लिंडेलोफ को मौका दिया।किन वह नाकाम हो गया।

32वें मिनट में ओला तोइवोनेन ने गोल कर स्वीडन को 1-0 की बढ़त दिला दी। मध्यांतर तक यही स्कोर रहा। 1970 विश्व कप में सेमीफाइनल के बाद यह पहला मौका रहा जब जर्मनी मध्यांतर में गोलों के मामले में पिछड़ रहा था। मध्यांतर के बाद तीसरे मिनट में जर्मनी के मार्को रेयस ने गोल कर टीम को 1-1 की बराबरी दिला दी। 82वें मिनट में जेरोम बाओटेंग को रेफरी ने लाल कार्ड दिखाकर मैदान से बाहर कर दिया, जिसके बाद वह 10 खिलाड़ी से खेला।

अंतिम मिनट में जर्मनी ने विपक्षी गोल पर कई हमले किए लेकिन स्वीडिश गोलकीपर ओलसन ने उन्हें सफल नहीं हो सके। जर्मनी के मारियो गोमेज के हेडर को ओलसन ने बार के ऊपर से निकाल दिया। जब लगा कि मैच बराबरी पर खत्म हो जाएगा तो क्रूस ने फ्री किक से गोल दागते हुए टीम को 2-1 की जीत दिला दी।

टोवोनन का टशन : चार बार की विश्व चैंपियन जर्मनी ने आक्रामक शुरुआत की। तीसरे मिनट में टिमो वार्नर से हेडर के जरिये मिले पास पर जूलियन ड्रेक्सेलर ने पेनाल्टी स्पॉट से किक लगाया, लेकिन उसे स्वीडन के डिफेंडर ग्र्रैनक्विस्ट ने अपने शरीर से रोकते हुए गोल के मौके को जाया कर दिया। आधे घंटे के खेल में गेंद पर ज्यादातर समय तक कब्जा जर्मनी का रहा, लेकिन मौका टोवोनन ने मारा। खेल के 32वें मिनट में क्लेसन से मिले पास को टोवोनेन ने नॉयर के ऊपर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाकर जर्मन खेमे में हलचल मचा दी। इसके बाद जर्मनी ने हमला बोला। पहले गुंडोगन के और फिर मूलर के प्रयास को स्वीडन के गोलकीपर ओल्सन ने बेकार कर दिया। हाफ टाइम के इंजुरी टाइम में नॉयर ने स्वीडन को दोहरी बढ़त लेने से उस समय रोक दिया जब लार्सन की फ्री किक पर बर्ग ने गेंद को हेडर के जरिये गोल पोस्ट में पहुंचाने का प्रयास किया, लेकिन नॉयर ने अपनी दायीं ओर गोता लगाते हुए शानदार बचाव किया।

रीस ने कराई वापसी : दूसरा हाफ जब शुरू हुआ तब जर्मनी को पता था कि उसे सबसे पहले स्वीडन की बढ़त को खत्म करना था और काम किया मार्को रीस ने। खेल के 48वें मिनट में ड्रैक्सेलर की जगह खेलने आए मारियो गोमेज ने रीस को स्वीडन के डी में गेंद दी जिस पर रीस ने जादुई टच देकर जर्मनी को बराबरी पर ला दिया। इसके बाद तो गेंद जैसे स्वीडन के पाले में चिपक सी गई। जर्मन टीम लगातार हमले बोलती रही लेकिन कभी किस्मत तो कभी स्वीडन के गोलकीपर की चपलता की वजह से जर्मनी बढ़त नहीं ले पा रहा था।

बोएटेंग को रेड कार्ड : खेल के 72वें मिनट में पहला यलो कार्ड झेलने वाले बोएटेंग को 10 मिनट बाद दूसरा यलो कार्ड दिखाया गया। दो यलो कार्ड यानी एक रेड कार्ड और बोएटेंग को मैदान से बाहर जाना पड़ा जिससे जर्मनी को आगे का खेल सिर्फ 10 खिलाड़ियों से पूरा करना पड़ा। स्वीडन के बर्ग को बोएटेंग का गिराना महंगा पड़ा और इसका हर्जाना उन्हें मैदान से बाहर जाकर चुकाना पड़ा। खेल के 88वें मिनट में स्वीडन के गोलकीपर ने एक शानदार बचाव किया। निर्धारित समय में खेल बराबरी पर जरूर रहा लेकिन उसका रोमांच कम नहीं था। जब खेल इंजुरी टाइम में गया तो रोमांच भी चरम पर पहुंच गया। इस दौरान जर्मनी की टीम लगातार हावी रही और आखिरी मिनट में मिली फ्री किक पर क्रूस ने अपनी टीम के लिए विजयी गोल दागकर जर्मन खेमे में खुशियां बिखेर दीं।

लो ने बदली टीम : इस अहम मुकाबले के लिए जर्मन कोच जोकिम लो ने चार अहम बदलाव किए और मैट हुमेल्स, सामी खेदिरा, मेसुट ओजिल और प्लाटेंडार्ट को बाहर रखा। उधर स्वीडन के कोच जेनी एंडरसन ने एक बदलाव करते हुए जैनसन की जगह बीमारी से उबरकर लौटे लिंडेलोफ को मौका दिया।