ब्रिटिश अखबार फाइनेंशियल टाइम्स की हालिया रैंकिंग के मुताबिक भले ही दुनिया का सबसे अच्छा प्रबंधन संस्थान स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी सेंट गैलेन हो, लेकिन यहां से निकलने वाले ग्रेजुएट्स की कमाई के मामले में यह संस्थान चौथे पायदान पर है। अहमदाबाद, बेंगलुरु और कोलकाता के भारतीय प्रबंध संस्थान इस मामले में क्रमश: पहले, दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं। यहां से पढ़कर निकलने वाले छात्र दुनिया की बाकी प्रबंधन संस्थाओं से पढ़े छात्रों के मुकाबले अधिक वेतन पाते हैं।
दुनिया की सबसे नामी प्रबंधन संस्थाओं में शुमार लंदन बिजनेस स्कूल इस सूची में दसवें स्थान पर है। तमाम वजहों में शायद यह भी एक कारण है कि विदेशी शिक्षण संस्थानों से भारतीय छात्रों का मोहभंग हो रहा है। मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्रिटेन के विश्वविद्यालयों में भारतीय छात्रों की संख्या तेजी से घटी है।
ब्रिटेन की माइग्रेशन एडवाइजरी कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक उच्च शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में तेज गिरावट दर्ज की गई है। इसमें छात्रों का स्पॉन्सर लाइसेंस खत्म होने, कोर्स पूरा होने के बाद नौकरी के ऑफर में बदलाव और भारतीय मीडिया में ब्रिटेन के शिक्षण संस्थानों की प्रतिकूल रिर्पोटिंग बड़ी वजहें हैं। इसके अलावा फाइनेंशियल टाइम्स की उपरोक्त रिपोर्ट भी अहम कारणों में शामिल हो सकती है, कि जब अपने ही देश में बेहतर शिक्षण संस्थान हैं तो विदेश क्यों जाना।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal