बाराबंकी । पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फैला बुखार न तो मलेरिया है न डेंगू है और न ही यह कोरोना की थर्ड वेव है। यह एक वेक्टर जनित बीमारी है, जो चूहे, घुन जैसे छोटे कीडे के काटने के कारण होता है, जो वायरस या बैक्टीरिया का रूप ले लेता है। इसका सही समय पर इलाज शुरू हो जाये तो वह ठीक हो जाता है। यह कहना है अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा डीके श्रीवास्तव का है।
डा श्रीवास्तव ने बताया कि मथुरा, फिरोजाबाद, आदि जिलों में फैले बुखार में मरीज को वही सारी दिक्कतें हो रही हैं जो एक वायरल बुखार में होती हैं। समय पर जांच और इलाज की प्रक्रिया शुरू हो जाने पर यह बुखार बहुत कम समय में ठीक भी हो जा रहा है। इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि यह बीमारी स्क्रब टाइफस के नाम से जानी जाती है। स्क्रब टाइफस माइट्स (चूहे, घुन जैसे छोटे कीडे) के काटने के कारण होने वाली बीमारी है। साफ-सफाई की कमी एवं नमी के कारण यह माइट्स उत्पन्न हो सकता है। इसके काटने पर लोगों में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। बीमारी में बुखार और ठंड लगने के साथ सिरदर्द, शरीर और मांसपेशियों में दर्द की समस्या होती है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रामजी वर्मा का कहना है कि बुखार, कमजोरी जैसी शरीर में कोई भी समस्या आने पर एकदम नहीं घबराएं। जिले के किसी भी पीएचसी या सीएचसी से परामर्श लेकर निःशुल्क जांच और इलाज कराएं। जिले में वर्तमान में 19 सीएचसी, 53 एपीएचसी सहित जिला स्तर पर 3 चिकित्सालय है। विभाग पूरी तरह अलर्ट है। आवश्यकता पड़ने पर पीकू वार्ड का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
वेक्टर जनित बीमारी स्क्रब टायफस-
एसीएमओ ने बताया कि स्क्रब टाइफस एक बीमारी है जो लोगों में यह संक्रमित चिगर्स (लार्वा माइट्स) के काटने से फैलता है। यह एक वेक्टर जनित बीमारी है। यह समय के साथ सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियो वस्कुलर सिस्टम, गुर्दे, सांस से जुड़ी और गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल सिस्टम को प्रभावित करता है। यदि कोविड प्रोटोकाल का सही से पालन करें तो इस तरह के बीमरियों को रोकने में सफल हो सकते हैं। इसलिए सावधान रहें और बहुत आवश्यक स्थिति में ही बाहर निकलें।
स्क्रब टायफस के लक्षण-
इसके लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल है। इसके बाद सिरदर्द, शरीर में दर्द और मांसपेशियों में दर्द होता है जैसा कि कोविड के मामले में होता है. हालांकि, एक स्क्रब टाइफस रोगी कोविड -19 के कई मामलों के विपरीत गंध और स्वाद बना रहता है। कुछ रोगियों में जोड़ों में दर्द भी होता है, जो चिकनगुनिया का लक्षण है।
क्या करें-
• क्वारंटीन रहें ताकि संक्रमण दूसरों तक नहीं फैले
• विभिन्न तरीकों से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ाएं
• ओआरएस घोल की सही मात्रा तैयार कर पीयें
• रसदार फल, नारियल पानी, सूप का सेवन करें
• अधिक से अधिक समय आराम करें
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