लगता है बिहार धीरे-धीरे सबकुछ पटरी से उतरते जा रहा है। राज्य में जहां अपराधियों के हौसले बुलंद हैं वहीं कुव्यवस्था अपने चरम पर है और प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार लापरवाह बने हुए हैं। राज्य में शासन-प्रशासन का खौफ लोगों में नहीं है। हर स्तर पर लापरवाही नजर आती है। ताजा मामला गोपालगंज सरदर अस्पताल की है। यहां अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का आलम ये है कि SNCU तक में मरीज सुरक्षित नहीं है।
राज्य में सरकारी अस्पतालों में कुव्यवस्था का आलम ये है कि इलाज के लिये अस्पताल के SNCU में भर्ती हुए नवजात को चींटियों ने नोंच-नोंच कर खा गया। जिससे मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। दरअसल गोपालगंज जिले के बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के कतलालपुर गांव के म. सेराज अहमद की पत्नी शबाना परवीन को सदर अस्पताल में 10 अक्तूबर को प्रसव हुआ। जन्म के बाद बच्चे को बुखार हो गया। जिससे उसे एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। परिजनों ने बताया कि गुरुवार की देर रात बेड पर लेटे शिशु के आंख समेत कई नाजुक अंगों को चींटियों के झुंड ने डंस लिया, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी अंदर का दरवाज नहीं खोल रहे थे। दूसरे दिन भी परिजनों को अंदर जाने नहीं दिया गया। अस्पताल कर्मियों की लापरवाही की वजह से बच्चे की हालत गंभीर हो गयी। शिशु की हालत गंभीर होने के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया।
वहीं एसएनसीयू के चिकित्सक डॉ संजय कुमार ने कहा कि बच्चे को दवा दी गयी तभी चिट्टियां आ गयी। सफाई में दिक्कत होने के कारण ऐसी घटना हुई। डीएस को सूचना दी गयी है। साफ-सफाई समेत अन्य कमियों को दूर किया जा रहा है। मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। डीएस से मामले की जांच करायी जायेगी। एसएनसीयू में चींटियां कैसे आयीं, इसे जांच कर दूर किया जायेगा।
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