केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने महिला पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ निजी तौर पर आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया है। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की तारीख तय कर दी है और अब 18 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
बता दें कि पत्रकार प्रिया रमानी ने हाल ही में सोशल मीडिया पर चल रहे मी-टू अभियान के तहत अकबर पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। एमजे अकबर ने पटियाला हाउस कोर्ट की विशेष अदालत में दायर मुकदमे में कहा है कि उन पर आरोप जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से लगाए गए हैं।
एमजे अकबर ने अदालत में दी गई अर्जी में कहा है कि उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में काफी काम किया है और देश की पहली साप्ताहिक पत्रिका शुरू करने से लेकर कई किताबें लिखी हैं। उनके खिलाफ झूठी कहानियों की एक श्रृंखला एक एजेंडे की पूर्ति के लिए प्रेरित तरीके से प्रसारित की जा रही हैं। उनकी छवि खराब करने के लिए रमानी ने दुर्भावनापूर्ण रूप से एक झूठी कहानी का सहारा लिया है, जोकि मीडिया में फैल रही है। इससे न सिर्फ उनकी पारिवारिक बल्कि राजनीतिक छवि पर भी बुरा असर पड़ रहा है।
अधिवक्ता संदीप कपूर के जरिये दायर याचिका में एमजे अकबर ने मांग की कि उन पर आरोप लगाने वाली महिला पत्रकार को मानहानि के लिए नोटिस दिया जाए। उन्होंने मुकदमे में कई लोगों को गवाह बनाया है और उनकी सूची भी कोर्ट को सौंपी है।
गौरतलब है कि एमजे अकबर के साथ करीब बीस साल पहले काम कर चुकीं प्रिया रमानी ने उन पर यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। इसके बाद 11 अन्य महिलाओं ने भी मी-टू अभियान के तहत ट्विटर पर ही उन पर ऐसे ही आरोप लगाए। जिस समय आरोप लगाए गए, उस समय एमजे अकबर नाईजीरिया के आधिकारिक दौरे पर थे।
रविवार को स्वदेश लौटने पर उन्होंने आरोपों को मनगढ़ंत और झूठा करार देते हुए कहा था कि वह आरोप लगाने वाली महिलाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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