राम मंदिर के मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। इस मुद्दे पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से हो रही लगातार बयानबाजी को लेकर शिवसेना ने उन पर पर हमला बोला है। शिवसेना प्रवक्ता ने कहा ‘ओवैसी को हैदराबाद तक सीमित रहना चाहिए। राम मंदिर अयोध्या में बनेगा ना कि हैदराबाद, पाकिस्तान या ईरान में। ओवैसी जैसे लोग अपनी राजनीति से मुस्लिमों को गुमराह कर रहे हैं। ऐसी राजनीति से भविष्य में भारी नुकसान होगा।’
वहीं शिवसेना ने केंद्र सरकार से राम मंदिर पर कानून बनाने की मांग की है। संजय राउत ने कहा ‘राम मंदिर पर अगर अभी कानून नहीं बना तो कभी नहीं बनेगा। हमारे पास बहुमत है। हमें नहीं पता कि 2019 के बाद क्या स्थिति होती है। कोर्ट राम मंदिर मुद्दे को नहीं सुलझा सकता है। यह आस्था का मामला है। यह राजनीतिक इच्छा का मामला है और मोदी जी ऐसा कर सकते हैं।’
गौरतलब है कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर को लेकर केंद्र से कानून बनाने की मांग की थी। जिसके बाद ओवैसी ने आरएसएस-भाजपा पर इसको लेकर निशाना साधा था। ओवैसी ने कहा था कि संघ और उनकी सरकार को ऐसा करने से कौन रोक रहा है? यह एक स्पष्ट उदाहरण है जब एक राष्ट्र को साम्राज्यवाद में परिवर्तित किया जाता है। ओवैसी ने आगे कहा, ‘आरएसएस और भाजपा साम्राज्यवाद में विश्वास करते हैं। वे बहुलवाद या कानून के शासन में विश्वास नहीं करते हैं।’
क्या कहा था भागवत ने?
विजयदशमी उत्सव में अपने वार्षिक संबोधन में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राम मंदिर बनाने का एक बार फिर से आह्वान किया। इस बार उन्होंने कहा कि राम मंदिर मसले पर चल रही राजनीति को खत्म कर, इसे तुरंत बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत हो, तो सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाए।
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