RBI ने दी आम आदमी को बड़ी राहत, 50 बेसिस प्वाइंट घटाया रेपो रेट

 नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को एमपीसी की बैठक के बाद नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का एलान किया है। एमपीसी के सदस्यों ने रेपो रेट में  50 आधार अंकों की कटौती के पक्ष में मत दिया है। अब यह 6 प्रतिशत से घटकर 5.5% हो गई। साल 2025 में लगातार तीसरी एमएमसी बैठक में ब्याज दरों में कटौती का एलान किया गया है। केंद्रीय बैँक के इस फैसले से आपके लोन की ईएमआई कम होने का रास्ता भी साफ हो गया है, हालांकि ऐसा बैंकों की ओर से ब्याज दरों में कटौती के एलान के बाद ही हो पाएगा। आइए जानते हैं, रेपो रेट में कमी का आपकी ईएमआई पर क्या असर पड़ेगा। लेकिन उससे पहले जानते हैं रेपो रेट है क्या?
क्या है रेपो रेट?

रेपो रेट वह दर है जिस पर भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) बैंकों को उधार देता है। जब रेपो रेट घटता है, तो बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है, और वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दरों पर ऋण दे सकते हैं।

रेपो रेट कम होने से आपकी ईएमआई पर क्या असर पड़ सकता है?

अब, मान लें कि आपके पास एक होम लोन है जिसकी ब्याज दर रेपो रेट से जुड़ी हुई है। यदि रेपो रेट 6% से घटकर 5.5% हो जाता है, तो आपके होम लोन की ब्याज दर भी कम हो सकती है। कैसे, आइए जानते हैं।

मान लें कि आपका होम लोन 20 लाख रुपये का है, जिसकी अवधि 20 वर्ष (240 महीने) है।

पुरानी ब्याज दर 8% पर ईएमआई की गणना
1. मूलधन (P): 20,00,000 रुपये
2. ब्याज दर (R): 8%/वर्ष = 0.08/12 = 0.006667/माह
3. अवधि (N): 240 महीने

ईएमआई की गणना के लिए सूत्र:
ईएमआई = P * R * (1 + R)^N / ((1 + R)^N – 1)
ईएमआई= 16,729 रुपये

नई ब्याज दर 7.5% पर ईएमआई की गणना:
1. मूलधन (P): 20,00,000 रुपये
2. ब्याज दर (R): 7.5%/वर्ष = 0.075/12 = 0.00625/माह
3. अवधि (N): 240 महीने

ईएमआई की गणना के लिए सूत्र:
ईएमआई = P * R * (1 + R)^N / ((1 + R)^N – 1)
ईएमआई= 16,138 रुपये

ईएमआई में कमी:
पुरानी ईएमआई: 16,729 रुपये
नई ईएमआई: 16,138 रुपये
कमी: 591 रुपये प्रति माह

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