लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन (UPSDM) वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है। इसी क्रम में सूरीनाम में भारत के राजदूत सुभाष पी. गुप्ता ने बुधवार को लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन मुख्यालय का दौरा किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं को तकनीकी, भाषाई और सॉफ्ट स्किल्स के क्षेत्र में दी जा रही प्रशिक्षण व्यवस्था की सराहना की और इसे अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं के अनुकूल बताया।
वैश्विक मांग के अनुरूप प्रशिक्षित हों युवा
राजदूत सुभाष पी. गुप्ता ने कहा कि उत्तर प्रदेश के युवा आज पूरी दुनिया में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। खासकर सूरीनाम के तेल और गैस क्षेत्र में भारतीय युवाओं की मांग तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि वर्चुअल कोर्स के माध्यम से प्रशिक्षकों और प्रशिक्षार्थियों के बीच की दूरी को पाटते हुए प्रशिक्षण को और अधिक सुलभ, लचीला और व्यापक बनाया जा सकता है।
वैश्विक अवसरों तक पहुंच
उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक पुलकित खरे ने बताया कि योगी सरकार की नीति स्पष्ट है। प्रदेश के युवाओं को न केवल स्थानीय बल्कि वैश्विक बाज़ार की मांग के अनुसार दक्ष बनाना। इसके लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में तकनीकी ज्ञान के साथ-साथ संवाद, व्यवहार, भाषा, और बायोडाटा निर्माण जैसी सॉफ्ट स्किल्स पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
तकनीकी नवाचार और उद्योग की भागीदारी
अपर मिशन निदेशक प्रिया सिंह ने कहा कि मिशन द्वारा प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को उद्योग की बदलती मांग के अनुसार लगातार अपडेट किया जा रहा है। इससे युवाओं को सिर्फ प्रशिक्षण ही नहीं, बल्कि सीधे रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहे हैं। संयुक्त निदेशक मयंक गंगवार ने एक प्रस्तुति के माध्यम से मिशन की उपलब्धियों और आगामी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योगी सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को ‘ग्लोबल स्किल कैपिटल’ के रूप में स्थापित करना है और इसी दिशा में यूपीएसडीएम निरंतर प्रयासरत है।
बैठक में मिशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। राजदूत गुप्ता ने मिशन के कार्यों की सराहना करते हुए इसे “डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के विजन का जमीनी उदाहरण” बताया।