नई दिल्ली : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि किसी विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिभाशाली प्रतिभाओं को वापस लौटने के लिए प्रोत्साहित करने, उनकी क्षमताओं को निखारने और उन्हें एक ऐसा मंच प्रदान करने से बड़ा कोई योगदान नहीं हो सकता, जो उनकी क्षमता को पहचाने और उसका सम्मान करे।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने नोएडा स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। गोयल ने ऑनलाइन और कैंपस में शिक्षा प्राप्त करने वाले लगभग 29,000 छात्रों के स्नातक बैच को बधाई देते हुए कहा कि छात्रों और पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धियाँ ही इस समारोह का मुख्य आकर्षण हैं। गोयल ने छात्रों को प्रदान किए जाने वाले विविध अवसरों का उल्लेख किया और छात्रवृत्तियों के माध्यम से योग्यता के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता की सराहना की जो आवश्यकता-रहित प्रवेश को संभव बनाती हैं।
उन्होंने अपने संबोधन में इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि आधी छात्र संख्या युवा महिलाओं की है और उन्होंने विश्वविद्यालय की मज़बूत नवाचार संस्कृति की प्रशंसा की जहाँ छात्रों के पास 450 से अधिक पेटेंट हैं। वाणिज्य मंत्री ने इस बात पर भी ध्यान दिलाया कि 50 संकाय सदस्य रामलिंगम स्वामी फेलो हैं जो राष्ट्र की सेवा के लिए वापस लौटे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने स्नातक छात्रों को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में भारत की यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्ष विकसित भारत के लिए निर्णायक युग होंगे। गोयल ने छात्रों से अपने चुने हुए क्षेत्रों को अगले स्तर तक ले जाने, सीमाओं को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय प्रगति में सार्थक योगदान देने का आग्रह
किया।
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