मंथन : अखिलेश संग मुलायम यादव ने की हार के कारणों की समीक्षा
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद उत्तर प्रदेश की मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) में बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। सपा से जुड़े सूत्रों की माने तो पार्टी प्रदेश अध्यक्ष समेत संगठन के कई पदाधिकारियों को बदल सकती है। चुनाव में मिली करारी हार के बाद सपा में मंथन का दौर जारी है। रविवार को भी राजधानी स्थित सपा कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चुनाव में मिली अप्रत्याशित हार के कारणों की गहन समीक्षा की। इस बैठक में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा पार्टी के कई नेता मौजूद रहे। हालांकि, समीक्षा बैठक जिन महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई, उसकी आधिकारिक जानकारी मीडिया को नहीं दी गई, लेकिन चर्चा है कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर काफी चिंतित दिखे। उन्होंने पार्टी संगठन को नये सिरे से खड़ा करने पर बल दिया।
पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि चुनाव में पार्टी की हार के बाद मुलायम की बढ़ती चिंता के मद्देनजर अध्यक्ष अखिलेश यादव सपा संगठन में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पार्टी के विभिन्न मोर्चों के जिला अध्यक्षों को भी बदला जा सकता है। सूत्र यह भी बताते हैं कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने आज की समीक्षा बैठक में बसपा के साथ पार्टी के हुए गठबंधन को सपा के खराब प्रदर्शन का एक प्रमुख कारण माना। दरअसल मुलायम पहले भी नहीं चाहते थे कि उनकी पार्टी बसपा से चुनावी गठबंधन करे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जब अखिलेश ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, उस समय भी मुलायम गठबंधन के पक्ष में नहीं थे।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने बसपा और चैधरी अजित सिंह के नेतृत्व वाले रालोद के साथ गठबंधन किया था। बावजूद इसके लोकसभा चुनाव में सपा का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा। चुनावी इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ कि मुलायम परिवार के कई नेता एक साथ चुनाव हार गये हों। सपा के गढ़ कहे जाने वाले कन्नौज, बदायूं और फिरोजाबाद संसदीय क्षेत्रों में क्रमशः अखिलेश यादव की पत्नी डिम्पल यादव और उनके दो चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव व अक्षय यादव भी अपनी सीटें बचाने में असफल रहे। मुलायम के गृहनगर इटावा की सीट पर भी पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी। इसके अलावा मैनपुरी सीट से मुलायम की जीत का अंतर भी इस बार अपेक्षाकृत कम रहा।
Shaurya Times | शौर्य टाइम्स Latest Hindi News Portal