ईद उल फितर के मौके पर उत्तराखंड में ईदगाहों और मस्जितों में नमाज अदा की गई। इस मौके पर गुनाहों के लिए माफी मांगी गई, साथ ही अमन चैन की दुआ की गई। इसके बाद एक दूसरे के गले मिलकर ईद की बधाई का सिलसिला शुरू हो गया।
देहरादून में चकराता रोड स्थित ईदगाह में सुबह से ही नमाजियों की भीड़ पहुंचने लगी। इस दौरान चकराता रोड पर पुलिस ने यातायात को भी डायवर्ड किया था। शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने नमाज अदा कराई। साथ ही उन्होंने अपने बयान में कहा कि ईद प्रेम और भाईचारे का पर्व है। यह एक पाक त्योहार है। इस दिन इबादत में अपने मुल्क की अमन चैन की खुशहाली की कामना करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। रोजेदारों के त्याग पर अलाह उन पर मगफिरत व बख्शीश बरसाता है। साथ ही अपने गुनाहों की माफी मांग सभी को उनके जायज मकसदों में कामयाबी की दुआ की गई।
इसके बाद देहरादून शहर भर की इदगाह, मस्जिदों में 30 मिनट से एक घंटे के अंतराल पर नमाज अदा की गई। ताकि यातायात व्यवस्था भी बनी रहे। दून में सुरक्षा के भी खास इंतजाम किए गए हैं। नमाज अदा करने के बाद रोजेदार परिवार और रिश्तेदारों संग मीठी ईद मना रहे हैं। इसके लिए सेंवई व अन्य व्यंजन तैयार किए गए हैं।
वहीं, मुस्लिम बाहुल्य इलाकों के बाजारों में भी चहल पहल बनी हुई है। साथ ही नमाज पढ़ने के लिए टैंट-पंखों व पेयजल की खास व्यवस्था की गई। इधर, नगर निगम की ओर से भी मुस्लिम बहुल क्षेत्र, ईदगाह व मस्जिदों के आस-पास के क्षेत्रों में सफाई के खास प्रबंध किए गए हैं। पुलिस ने भी ईद को लेकर कमर कस ली थी। नमाज के दौरान मस्जिद, ईदगाहों के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई।
मीठे व्यंजनों से महकी ईद
ईद-उल-फितर पर सेंवई परोसने की खास परंपरा है। सेंवई का मीठा स्वाद रिश्तों में भी मिठास घोलता है। वहीं, लोगों ने कई खास व्यंजन परोसने की तैयारी भी की है। इसके लिए लोग दूध, अंगूरदाना, मावा, घी, ड्राई फ्रूट्स व अन्य उत्पादों के साथ खीर बनाकर एक दूसरे को परोसी गई।
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