उत्तर प्रदेश में कोरोना से बचाव का टीका लगाने की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। टीकाकरण केंद्र बनाए जाने से लेकर केंद्र पर आने वाले लोगों को किस तरह सुरक्षित ढंग से टीका लगाया जाए, इसके भी पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। टीका लगने के बाद विशेषज्ञ आधे घंटे तक इसकी प्रतिक्रिया देखेंगे। इसके लिए लोगों को आब्जर्वेशन रूम में रोका जाएगा।

प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पर तीन कमरे बनाए जाएंगे। पहला वेटिंग रूम होगा, जहां लोग टीका लगवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार करेंगे। दूसरे कमरे में लोगों को टीका लगाया जाएगा और तीसरा कमरा आब्जर्वेशन रूम होगा, जहां टीका लगने के बाद लोगों को आधे घंटे बैठाया जाएगा। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम टीका लगवा चुके लोगों की सघन निगरानी करेगी। किसी को यदि कोई दिक्कत होती है तो डॉक्टरों की टीम तत्काल उपचार में जुट जाएगी।
कोरोना का टीका प्रदेश में सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को लगाया जाएगा। इसके लिए करीब एक हजार टीकाकरण केंद्र बनाए जा रहे हैं। वहीं फ्रंटलाइन वर्करों को टीका लगाने के लिए करीब दो हजार और इसके बाद 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को टीका लगाने के लिए तीन हजार केंद्र बनाए जा रहे हैं। एएनएम, आशा वर्कर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पर्चियां देंगी। इस पर टीकाकरण केंद्र का नाम व टीका लगने का समय लिखा होगा। लोगों का डेटा भी कंप्यूटर पर अपलोड किया जाएगा। टीका लगते ही संबंधित व्यक्ति के मोबाइल फोन पर इसका मैसेज आ जाएगा। फिलहाल कोरोना वैक्सीन को लेकर चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मिलकर तैयारियों में जुटे हुए हैं।
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