“हम संविधान पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं, किसी धार्मिक किताब पर नहीं”- विदेश मंत्री एस. जयशंकर
नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोपीय देश यूनाइटेड किंगडम और स्वीडन को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने भारत को लेकर जारी होने वाली रिपोर्ट पर बिना इन देशों का नाम लिए कहा कि ”ये लोग हमें कम होते सिविल राइट्स के तौर पर देख रहे हैं, क्योंकि उनका माइंडसेट है। इन देशों की राजनीति को देख लीजिए। हमारे देश में कोई इलेक्शन पर सवाल नहीं उठाता पर क्या इन देशों में ऐसा है?” उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ”अगर विश्वास की बात करें तो हम सबके अलग-अलग विश्वास हैं पर हम संविधान पर हाथ रखकर शपथ लेते हैं, किसी धार्मिक किताब पर नहीं।” जयशंकर ने कहा कि ”हम आश्वस्त हैं, हमें बाहर से किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। खासकर उनसे जिनका उद्देश्य एजेंडा हो।”
विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि ”इनका सिर्फ एक एजेंडा है और वह है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि को खराब करना।” उन्होंने कहा कि ”ये देश चाहते हैं कि भारत उनके खेल में शामिल हो, लेकिन भारत ने उनका खेल खराब कर दिया है। पहले से चली आ रही इनकी मोनोपॉली को भारत ने तोड़ा है इसलिए वह नाराज हैं और अब भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चला रहे हैं।”
विदेश मंत्री ने कहा कि ”भारत पूरी दुनिया की मदद कर रहा है, इस बात से इन देशों को दिक्कत है।” इस दौरान उन्होंने वैक्सीन का जिक्र करते हुए कहा कि ”भारत ने अपनी जनता के साथ-साथ दुनिया के 70 देशों को वैक्सीन दी है, ताकी अन्य देशों को कोरोना से जारी लड़ाई में मदद मिल सके। इन देशों ने कितने लोगों को वैक्सीन दी, जो यह कह रहे हैं कि भारत में एक तंत्र की सरकार है।” जयशंकर ने कहा कि ”जब दुनिया मुश्किल में थी तब ये बड़े और खुद को खूबसूरत बताने वाले ये देश कहां थे? तब भारत सामने आया और अपने पड़ोसियों समेत अफ्रीकन देशों की भी सहायता की।
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