लालू प्रसाद यादव के अवसाद को लेकर डॉक्टर गंभीर, देखेंगे मनोचिकित्सक

राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सांइस (रिम्स) में भर्ती राजद प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के अवसाद का इलाज कराने के लिए मनोचिकित्सक का सहारा लिया जाएगा। रिम्स के ही मनोचिकित्सक सोमवार को उन्हें देखेंगे।

रिम्स निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने बताया कि लालू का इलाज कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद के अनुसार राजद प्रमुख अवसाद में हैं, वह किसी से ज्यादा बातचीत नहीं कर रहे हैं। फिलहाल उनकी स्थिति पर नजर रखी जा रही है। लालू के शुगर लेवल में फिलहाल सुधार है। ब्लड प्रेशर अभी सामान्य है। डॉक्टर लगातार उनकी रूटीन जांच कर रहे हैं

रिम्स के पेइंग वार्ड में भरती राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की हालत स्थित बनी हुई है। रिम्स प्रभारी डायरेक्टर डॉ. आरके श्रीवास्तव ने बताया कि एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में लालू प्रसाद के इसीजी और हार्ट की रिपोर्ट आ गई है। वहां के डॉक्टरों ने इलाज के सिलसिले में पूर्व में दी गई सलाह पर ही अमल करने का निर्देश दिया है। बताते चलें कि हाल में ही लालू प्रसाद को रिम्स के कार्डियो विंग से पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज फिलहाल डॉ. उमेश प्रसाद की देखरेख में किया जा रहा है। डॉ. उमेश प्रसाद ने कहा कि हम लोग भी लगातार लालू प्रसाद के स्वास्थ्य की प्रगति पर नजर रखे हुए हैं।

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रिम्स के कार्डियो विंग में कुत्ते के भौंकने से नींद में लगातार खलल पड़ने की शिकायत के बाद गुरुवार को पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। ऐसे में एक अहम सवाल यह है कि बड़ी संख्या में लोग कुत्ते पालते हैं। इसके साथ ही हर इलाके में आवारा कुत्तों की भरमार रहती है जो अक्सर भौंकते भी हैं। इसके बावजूद लोग आराम से सो जाते हैं। ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि आखिर कुत्तों के भौंकने की आवाज से राजद लालू यादव की नींद में खलल क्यों पड़ी? न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.आरके झा कहते हैं कि अगर मन अशांत हो और एंग्जाइटी (व्यग्रता) से भरा हो, तो कुत्ते की आवाज से परेशान होना स्वाभाविक है। इससे तनावग्रस्त व्यक्ति की नींद उचट जाती है।

न्यूरो साइकियाट्रिस्ट डॉ. पवन कुमार वर्णवाल ने बताया कि कुत्ते के भौंकने की आवाज से साधारण व्यक्ति की नींद पर भी थोड़ा असर पड़ता है। अगर नींद हल्की हो तो खुल जाएगी। जब व्यक्ति तनाव और दबाव में होता है, तो समस्या बढ़ जाती है। स्ट्रेस के दौरान दिमाग में हलचल बनी रहती है और आदमी सोचता रहता है, ऐसे में कुत्ते के भौंकने से व्यक्ति की तंद्रा का भंग होना स्वाभाविक है। लालू फिलहाल दबाव में हैं। कई बीमारियों का इलाज चल रहा है, तो तनाव या दबाव में रहने के कारण उन्हें आसपास कुत्तों की भौंकने की आवाज से समस्या हो रही होगी।

मनोचिकित्सकों के अनुसार शरीर के सभी अंग, जो हमारे चेतन के नियंत्रण से बाहर रहते हैं, एक साथ नर्व सेल से जुड़े रहते हैं। उन्हें ऑटोनॉमिक नर्वस सिस्टम कहते हैं। जब भी हम कुत्ते के भौंकने की आवाज सुनते हैं, तो हम चौंक जाते हैं। शारीरिक तौर पर तात्कालिक तौर पर सक्रियता आ जाती है और तनाव महसूस होता है। यह हमें इसलिए महसूस होता है, क्योंकि ऑटोनॉमस नर्वस सिस्टम हमारे शरीर की आंतरिक प्रतिक्रिया को बढ़ा देता है। हम तनाव महसूस करने लगते हैं।

चारा घोटाला में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को अब रिम्स में भी दो सेवादार मिल गए हैं। दोनों सेवादार लालू के निजी हैं और बिहार से ही ताल्लुक रखते हैं। इन सेवादारों में एक भोला यादव व दूसरे का नाम असगर अली बताया गया है। दोनों ही सेवादारों की मांग लालू की ओर से की गई थी, जिसे जेल प्रबंधन ने नियमत: स्वीकृति दी है।

लालू प्रसाद यादव सेवादारों को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। दिसंबर-2017 में चार घोटाले में जब उन्हें सजा सुनाई गई थी, उसके पहले ही उनके दो सेवादार जेल चले गए थे। इनमें लक्ष्मण यादव व मदन यादव शामिल थे। दोनों पटना में लालू के रसोइया थे। वर्तमान में रांची के डोरंडा स्थित हिनू के साकेत नगर में रहते हैं। गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट किए गए हैं। यहां शिफ्ट होते ही उन्हें दो सेवादार मिल गए हैं। यहां पहले से एक एक्स्ट्रा बेड होने के बाद अलग से एक अतिरिक्त बेड लगाया गया है। ये सेवादार लालू प्रसाद का सुबह से लेकर शाम तक ख्याल रखते हैं। गर्म पानी से पैर की मालिश होती है और विशेष ख्याल रखा जाता है कि वह क्या खाएंगे।

 लालू प्रसाद रोजाना अपने रूम के बाहर बरामदे में सुबह-शाम टहलते हैं। वहीं शाम में बरामदे में लगी टीवी देखते हैं। लालू प्रसाद के कमरे में भी टीवी लगी है। गुरुवार को दोपहर के भोजन में उन्हें पनीर, रोटी, चावल, दाल और दही दिया गया था। वहीं शाम में लालू प्रसाद ने चाय के साथ उबला हुआ शकरकंद मंगवाया था। इसका सेवन रक्तचाप नियंत्रण के लिए किया जाता है। रिम्स के अधीक्षक डॉ. विवेक कश्यप ने कहा कि जो दो लोग रखे गए हैं, उसकी अनुमति जेल प्रबंधन ने दी है। इससे रिम्स प्रबंधन को कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, जेल अधीक्षक अशोक कुमार चौधरी ने दोनों सेवादारों के रखे जाने की स्वीकृति की पुष्टि की है।

16 करोड़ का पेइंग वार्ड फिलहाल बैरक में तब्दील हो गया है। जब से लालू प्रसाद पेइंग वार्ड में एडमिट हुए हैं, तब से न तो मीडिया को वार्ड में जाने की अनुमति है और न किसी आम आदमी की। जब वहां मौजूद सुरक्षा प्रहरी से पूछा गया, तो उसने कहा कि इस संबंध में रिम्स प्रबंधन का ही आदेश है। बिना अनुमति के किसी को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड के पहले तल्ले पर रूम का आवंटन किया गया है। पेइंग वार्ड के बाहर अंदर और बाहर सुरक्षा को काफी कड़ा कर दिया गया है।

लालू के अलावा दो मरीज हैं भर्तीपेइंग वार्ड में फिलहाल लालू के अलावा दो मरीज भरती हैं, लेकिन उनके साथ भी सिर्फ एक अटेंडेंट को रहने की अनुमति है। जिन्हें पास निर्गत किया गया है। ऐसे में स्थिति यह है कि प¨रदा भी पर नहीं मार सकता, आम आदमी तो दूर की बात है।इस संबंध में जब रिम्स डायरेक्टर डॉ. राकेश श्रीवास्तव से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की सुरक्षा का मामला प्रशासन की जिम्मेदारी है। वहीं वे डॉक्टर हैं और उनका कार्य इलाज करना है।

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