उपचुनाव न होने पर ममता को सता रहा कुर्सी जाने का डर: भाजपा

उपचुनाव न होने पर ममता को सता रहा कुर्सी जाने का डर: भाजपा

कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा की सात सीटों पर उपचुनाव होना है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग से जल्द उपचुनाव कराने की मांग कर रही हैं। जबकि भाजपा की बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने तंज कसा कि चूंकि ममता बनर्जी खुद मुख्यमंत्री बनी रहना चाहती हैं इसलिए उन्हें उपचुनाव की जल्दी है।

शनिवार की सुबह ईकोपार्क का दौरा करते हुए दिलीप घोष ने कहा कि उपचुनाव होने चाहिए। मुझे लगता है कि यह नियत समय पर ही होगा। बंगाल में व्यावहारिक रूप से लॉकडाउन चल रहा है। नगर निगम के लिए चुनाव पिछले दो साल नहीं हो रहे हैं। घोष ने कहा कि कोरोना संक्रमण चलते लोकल ट्रेनें नहीं चल रही हैं, लेकिन ममता को उपचुनाव की जल्दी है। ममता बनर्जी अपना मुख्यमंत्री पद बरकरार रखने के लिए जल्द से जल्द उपचुनाव कराने की मांग कर रही हैं। घोष ने कहा कि अगर उन्हें (ममता को) लगता है कि स्थिति सामान्य हो गई है, तो प्रतिबंध हटा दें

दरअसल, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी के लिए शपथ लेने से छह माह के अंदर विधानसभा का सदस्य होना अनिवार्य है। उन्हें उपचुनाव जितना होगा। विधानसभा चुनाव में बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव हार गईं थीं। लेकिन उनकी पार्टी को बहुमत मिलने पर ममता ने मुख्यमंत्री पद संभाल लिया था। अब छह महीने के अंदर वे विधानसभा का सदस्य नहीं चुन पाईं तो उनकी कुर्सी पर संकट आ सकता है। बता दें कि राज्य में खड़दह, समशेरगंज, जंगीपुर, शांतिपुर, भवानीपुर, दिनहाटा और गोसाबा विधानसभा सीटें रिक्त हैं। यहां पर उपचुनाव होना है। नंदीग्राम में पराजित होने के बाद ममता बनर्जी अब भवानीपुर से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। हाल में ममता बनर्जी के मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने भवानीपुर विधानसभा सीट के विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था।

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