समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को मध्यप्रदेश में चुनावी प्रचार करने के लिए आए थे, इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य में आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए समान विचारधारा वाले पार्टियों को साथ लाने की जिम्मेदारी कांग्रेस की है. इससे पहले एसपी और कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए हाथ मिलाया था, उस समय, अखिलेश और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संयुक्त रैलियों का आयोजन किया था और एक दूसरे की प्रशंसा भी की थी. 
लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हाथों करारी हार झेलने के बाद गठबंधन में दरार आ गई थी. जिसके बाद अखिलेश ने नागरिक चुनावों में सकारात्मक नतीजे पाने के लिए कट्टर प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिला लिया था. हालांकि, वर्तमान में सभी की आंखें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और संभवतः तेलंगाना जैसे राज्यों पर हैं, जहां इसी वर्ष के आखिरी में चुनाव होंगे. मोदी लहर से निपटने के लिए कांग्रेस ने ‘महागठबंधन’ की योजना बनाई है, लेकिन अखिलेश द्वारा इसमें शामिल होने के लिए पहला कदम उठाने की संभावना नहीं है.
रविवार को अखिलेश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन करने की योजना बना रहे हैं. अखिलेश के इस बयान से साफ़ है कि वे कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं हैं, वहीं महागठबंधन की दूसरी बड़ी पार्टी बसपा और कांग्रेस में भी मतभेद की ख़बरें आ रही है, ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस कैसा प्रदर्शन कर पाती है.
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