पवार का पावर प्ले फिर खिला ! बेटी-बढ़ाओ मुहिम चोटी पर !!

के. विक्रम राव

शरद पवार कब पलटी मार दें ? बताना बड़ा दुष्कर है। उतना ही जितना यह जान लेना कि धोबीपाटा पहलवान ने कब मारा अथवा हत्थे से पतंगबाज ने कनकौवा कब काटा। इतना तो सच है कि मराठा नेता शरदचंद्र गोविंदराव पवार ने हर उस हाथ को झुला दिया जिसे उन्होंने थामा। यही सप्ताह था 1999 में जब शरद पवार ने सोनिया गांधी के भारत का प्रधानमंत्री बनने में लंगड़ी लगा दी। समाजवादी मुलायम सिंह यादव ने बाकी कसर पूरी कर दी थी। वर्ना यूनान की राजकुमारी हेलेन के बाद सोनिया गांधी दूसरी यूरोपीय होती जो भारतीय सत्ता केंद्र के निकट पहुंचती। यही 10 जून 1999 की तारीख थी जब तीन तिलंगों शरद पवार, पूर्णो संगमा (मेघालय) और तारीक अनवर (बिहार) ने सोनिया का पाटा उलट दिया था।

कल से शरद पवार फिर सुर्खियों में आ गए। सियासी समीक्षक कयास लगा रहे हैं कि पावर प्ले (रविवार, 11 जून 2023) क्या गुल खिलाएगा ? शरद पवार क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। जगमोहन डालमिया और रणवीरसिंह महेंद्र सरीखे बलवानों को हटाकर। लेकिन पवार का अंदाज बड़ा निराला है। वह तोड़ने में माहिर हैं, तो जोड़ने में निष्णात भी। मसलन भतीजावाद का खात्मा कर दिया। अपने सगे अग्रज अनंतराव पवार के आत्मज अजित पवार को पैदल कर दिया। गृहराज्य महाराष्ट्र की जिम्मेदारी छीनकर प्रिय पुत्री सुप्रिया सदानंद सुले को दे दिया। भतीजा क्या करता ? दिल्ली की सभा से उठकर मुंबई का जहाज लिया। मीडियावाले उनकी बाट जोहते रहे। शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस भी अब मात्र प्रादेशिक पार्टी रह गई है। राष्ट्रीय नहीं। निर्वाचन आयोग का यह फैसला है।

सोनिया गांधी से शरद पवार का गिला दो दशक पुराना है। शरद पवार का जीवनभर का सपना साकार हो रहा था। मगर सोनिया गांधी पुराने सरकारी अमला रहे आज्ञाकारी सरदार मनमोहन सिंह को ले आयीं। यह बात पुणे में राज ठाकरे को पवार ने खुद बताई थी। इस बीच राहुल गांधी से पवार रूष्ट चल रहे हैं क्योंकि इस कांग्रेसी ने वीर सावरकर की आलोचना कर दी। महाराष्ट्र में इस क्रांतिकारी को शहीद मानते हैं। पिछले चंद महीनों से पवार बजाए भारतवर्षीय होने के शुद्ध मराठीभाषी बन गए हैं। हालांकि वे समस्त देश के प्रतिरक्षा और कृषि मंत्री रह चुके हैं। गत माह पवार ने कह दिया : “मोदी की बुलेट ट्रेन से गुजराती अब मुंबई आ जाएंगे। मुंबई मे अब गुजराती लिपि में साइनबोर्डों की संख्या भी बढ़ रही है।”

शरद पवार को शिवसेना-संस्थापक बाल ठाकरे शिवाजी पार्क (दादर) की जनसभाओं में खुलेआम दाऊद इब्राहिम का हमदर्द करार देते थे। पवार द्वारा नामित महाराष्ट्र के काबीना मंत्री रहे (24 फरवरी 2022) जनाब नवाब मलिक पर पुलिसिया आरोप था कि उन्होंने मुनीरा नलवाली से दाऊद इब्राहिम की सगी बहन (अब दिवंगत) हसीना पार्कर की जायदाद खरीदी थी। रक्षा मंत्री पवार ने (पीवी नरसिम्हा राव की काबीना में 26 जून 1991) सुझाव रखा था कि भारत के विभिन्न सैनिक छावनियों के खाली पड़े बड़े भूभाग को मुंबई के बिल्डरों को बेच दिया जाए। भला हो तेलुगुभाषी प्रधानमंत्री का कि इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। वर्ना कराचीवासी दाऊद इब्राहिम को मोबाइल द्वारा भारतीय सेना की दैनिक गतिविधियों की हर खबर मिलती रहती।

अब कुछ बातें शरद पवार के दाएं हाथ, प्रफुल मनोहरभाई पटेल, के विषय में। उन्हें पवार ने पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नामित किया है। तो हैं कौन यह प्रफुल पटेल ? उन्होंने विज्ञापन द्वारा गत वर्ष अभियान चलाया था कि श्रेष्ठतम प्रधान मंत्री शरद पवार ही रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने (22 अगस्त 2022) के दिन पटेल के बारे में क्या कहा था : “खेल में सियासत की विशेषतायें, तुच्छतायें प्रवेश कर गयीं। लूटतंत्र, कुटुंबवाद, गबन।” इस मसले पर सर्वोच्च न्यायालय के तीन-सदस्यीय खण्डपीठ के अध्यक्ष धनंजय यशवंत चन्द्रचूड का निर्णय बड़ा खास है, तीव्र और दूरगामी भी। आल-इंडिया फुटबाल फेडरेशन के अध्यक्ष पैंसठ-वर्षीय प्रफुल पटेल को अध्यक्ष पद से बिना किसी मुरव्वत को कोर्ट ने हटा दिया।

इतना गंभीर फैसला क्यों ? प्रफुल पटेल बारह बरस से बिना मतदान कराये अध्यक्ष बने बैठे रहे। बजट भी इसका अरबों रूपयों वाला है। कोर्ट ने प्रफुल पटेल को अपदस्थ कर नयी संचालन समिति गठित कर दी। ऐसी नौबत आई क्यों? भारत सरकार के महाधिवक्ता ने सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया था कि दोषियों (गबन के अपराधियों) के खिलाफ सख्त कदम उठाये। प्रफुल पटेल मनमोहन सिंह मंत्रिपरिषद में नागरिक उड्डयन के राज्यमंत्री भी रहे। सरकारी उपक्रम एयर इंडिया की पटेल ने बधिया ही बैठा दी। मोदी काबीना के पूर्व मंत्री रहे प्रकाश जावेडकर के शब्दों में : “प्रफुल पटेल ने एयर इंडिया का सर्वनाश कर दिया था।” इसके नतीजे में केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय ने मुम्बई में उनके वाणिज्यीय भवन आदि का अधिग्रहण कर लिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस के इस प्रमुख नेता पर आरोप रहा कि वे कुख्यात माफिया और तस्कर दाउद इब्राहीम के सरगना इकबाल मिर्ची के हमजोली हैं।

मगर प्रफुल पटेल को देश हमेशा याद रखेगा कि भारतीय वायु सेवा का बेडा गर्क करने के लिये उनका योगदान अपार रहा। सारे मुनाफे के रूट पर जहाज उड़ाने की अनुमति पटेल ने निजी उद्योगपतियों को दे दी थी। एयर इंडिया को केवल घाटे की उड़ाने दी। उदाहरणार्थ लखनऊ से पटना केवल पचास मिनट की सीधी उड़ान होती है, मगर इन दोनों राजधानियों को वाया दिल्ली जोड़ा गया। अर्थात एयर इंडिया दूना किराया लेता है। निजी जहाज जहां बीस घंटों की दैनिक उड़ान भरते हैं वहीं सरकारी एयर इंडिया केवल नौ घंटे ही चलती है। लाभ कहां से होता ? मुम्बई में स्थापित पंजाब-महाराष्ट्र सहकारिता बैंक के करोड़ों के घोटाले में पटेल का नाम चमका था। वे पवार के परमप्रिय शिष्य रहे। पुत्री तो प्रिय इकलौती दुहिता है ही ! लख्ते जिगर जो ठहरी !

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com