लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के संबंध में विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। विकास की दौड़ में पिछड़े 08 आकांक्षात्मक जनपदों और आकांक्षात्मक 100 विकास खंडों के समग्र विकास का प्रयास अपेक्षित परिणाम देने वाला सिद्ध हो रहा है। इन सभी क्षेत्रों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधा सहजता से उपलब्ध हो, इसके लिए राज्य सरकार सभी आवश्यक प्रबंध करने को संकल्पित है। आकांक्षात्मक जिलों और विकास खंडों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए अनेक बड़े संस्थानों ने निवेश की इच्छा प्रकट की है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग इन क्षेत्रों में अस्पतालों के विकास के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यथाशीघ्र अच्छी नीति तैयार करे।
नवीन नीति तैयार करते समय निजी क्षेत्र की आवश्यकताओं के ध्यान रखा जाए। प्रारंभिक चरण में हमें इन क्षेत्रों में न्यूनतम 50 बेड की क्षमता वाले अस्पताल की स्थापना पर फोकस करना चाहिए। यह प्रयास आकांक्षात्मक जिलों और विकास खंडों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सहज बनाने में सहायक होंगी। प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों के सभी पदों पर योग्य एवं कुशल चिकित्सकों की तैनाती होनी चाहिए। कहीं भी कोई पद रिक्त न रहे। अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता के अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। वर्तमान में सीधी भर्ती और सामान्य चिकित्सकों के विशेष प्रशिक्षण द्वारा विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता की जा रही है, किंतु भविष्य के दृष्टिगत अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाना चाहिए। चिकित्सकों की अधिवर्षिता आयु में वृद्धि किए जाने पर विचार किया जाए। इसके साथ ही, चिकित्सकों को पुनर्नियोजित करने की नियमों पर भी बेहतर किए जाने की आवश्यकता है। राजकीय चिकित्सकों को परिवीक्षा अवधि में भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति दी जानी चाहिए। इस अवधि हेतु असाधारण अवकाश स्वीकृत किया जा सकता है। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।
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