लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को मुंबई में होंगे। वह वहां मुंबई से सटे पूर्वी विरार जिले के पालघाट लोकसभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में जनसभा करेंगे। यूपी में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा क्षेत्र के चुनावों की व्यस्तता के बावजूद योगी को प्रचार में वहां बुलाने की वजहें हैं। विरार, बसई और नालसोपरा में 25 फीसद आबादी उत्तर भारतीयों की हैं। उत्तर भारत के एक प्रमुख धार्मिक पीठ का पीठाधीश्वर और मुख्यमंत्री होने के नाते वह ऐसे लोगों को प्रभावित कर सकते हैैं। योगी ने गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा चुनाव में भी भाजपा के लिए जनसभाएं की थी। 
जनसभा में शिवसेना को ललकारेंगे योगी
दरअसल, गुजरात, हिमाचल, त्रिपुरा और कर्नाटक की सफल सभाओं के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को मुंबई में होंगे। वहां वह पूर्वी विरार के पालघर लोकसभा क्षेत्र के मनवेल पाडा तालाव में आयोजित जनसभा में शिवसेना को ललकारेंगे। संयोग से उसी दिन शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की भी उसी लोकसभा क्षेत्र के नालासोपरा में जनसभा है। उप्र में कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा उपचुनावों में भाजपा की प्रतिष्ठा खुद दांव पर लगी है। इसके बावजूद योगी का पालघर जाना उनकी अहमियत का सुबूत है। इसकी वजहें भी हैं। गुजरात, हिमाचल एवं त्रिपुरा के चुनावों में भाजपा की जीत और कर्नाटक में भाजपा को सबसे बड़ी पार्टी बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ योगी की भी बड़ी भूमिका रही है। कर्नाटक के चुनाव में तो उन्होंने करीब तीन दर्जन सभाएं और रैलियां की थीं। मुंबई भाजपा के महामंत्री अमरजीत मिश्र के मुताबिक पालघर लोकसभा के करीब 16 लाख मतदाताओं में से चार लाख उत्तर भारत के हैं। गोरक्षपीठ का पीठाधीश्वर होने के नाते योगी में उनकी आस्था है जो चुनावी नजरिए से लाभदायक साबित होगी
मुंबई से योगी का पुराना रिश्ता
सांसद रहते हुए योगी का मुंबई आना-जाना होता रहा है। मुख्यमंत्री बनने के बाद महाराष्ट्र से बेहतर संबंध उनकी प्राथमिकताओं में रहा। सांस्कृतिक क्षेत्र में सबसे पहले समझौता महाराष्ट्र से ही हुआ था। देश के छह प्रमुख महानगरों में होने वाले ‘उप्र इन्वेस्टर्स समिट’ के ‘रोडशो’ के दौरान भी योगी सिर्फ मुंबई ही गये थे। हाल में पहली बार यहां आयोजित महाराष्ट्र दिवस पर भी योगी ही मुख्य अतिथि थे।
उत्तर भारतीयों के लिए योगी सबसे मुफीद
पालघर लोकसभा का चुनाव बदले हालातों में भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण है। यह सीट भाजपा सांसद चिंतामन वनगा के निधन से खाली हुई है। चिंतामन के बेटे श्रीनिवास वनगा भाजपा के खिलाफ शिवसेना से चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने पूर्व राज्यमंत्री और कांग्रेसी नेता राजेंद्र गावित को प्रत्याशी बनाया है। इन हालातों में भाजपा उत्तर भारतीयों के मतों का धु्रवीकरण कर अपनी जीत पक्की करना चाहती है। इसके लिए उसके पास योगी से मुफीद और कोई चेहरा नहीं है।
गुरुवार दिल्ली में होंगे मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को दिल्ली में होंगे। वहां वह अंतरराज्यीय परिषद (इंटरस्टेट काउंसिल) की बैठक में भाग लेंगे। विरार (महाराष्ट्र) के पालघर लोकसभा उपचुनाव की जनसभा के लिए योगी 23 मई को मुंबई में रहेंगे। लिहाजा वह वहीं से दिल्ली आएंगे।
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