नई दिल्ली: इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने इस गर्मी में ज़िम्बाब्वे और भारत के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज़ में एक ऑलराउंडर के रूप में अपनी पूरी भूमिका निभाने को लेकर “बहुत, बहुत आत्मविश्वास” जताया है। स्टोक्स पिछले पांच महीनों से हैमस्ट्रिंग की चोट से उबरने में जुटे थे। उन्होंने कहा कि इस बार उन्होंने अपनी रिकवरी को पहले से बेहतर तरीके से संभाला है।
स्टोक्स को यह चोट पिछले साल अगस्त में ‘द हंड्रेड’ टूर्नामेंट के दौरान लगी थी। हालांकि वे पाकिस्तान के खिलाफ अक्टूबर में टेस्ट खेलने के लिए लौटे थे, लेकिन दो महीने बाद न्यूजीलैंड में गेंदबाज़ी करते समय फिर से वही चोट उभर आई थी। इस बार उन्होंने पूरी सावधानी बरती है ताकि भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी बड़ी सीरीज़ से पहले पूरी तरह फिट हो सकें।
स्काई स्पोर्ट्स को दिए इंटरव्यू में स्टोक्स ने कहा, “मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं। हालांकि ट्रेनिंग और असली मैच में फर्क होता है। चाहे आप ट्रेनिंग में कितना भी पसीना बहा लें, मैच की तीव्रता को दोहराना मुश्किल होता है। लेकिन मेरी भूमिका एक खिलाड़ी के रूप में—चौथे सीमर की तरह गेंदबाज़ी करना, नंबर 6 पर बल्लेबाज़ी करना और हर मौके पर टीम के लिए मैच बदलने की कोशिश करना—वही रहेगी। मुझे पूरा विश्वास है कि मैं फिर से वैसा ही प्रदर्शन कर सकता हूं जैसा पहले कर चुका हूं।”
पिछली बार जल्दबाज़ी में वापसी करने के अपने फैसले पर स्टोक्स ने कहा, “उस वक्त मुझे लगा कि मुझे जल्दी वापसी करनी है, लेकिन इससे मैंने खुद को नुकसान पहुंचाया। इस बार मेडिकल टीम और मैंने तय किया कि हम इसे पूरी तरह से सही करेंगे। शुरू के दो महीने काफी धीमे और थकाऊ थे, लेकिन इस बार शारीरिक और मानसिक रूप से यह सफर उतना मुश्किल नहीं रहा।”
स्टोक्स ने यह भी बताया कि उन्होंने कोच ब्रेंडन मैकुलम से चर्चा की है ताकि वे खुद को ज़्यादा थकान से बचा सकें। “हमने आपसी बातचीत में ये तय किया है कि ब्रेंडन मुझे इस तरह की चीज़ों में और बेहतर तरीके से मार्गदर्शन देंगे। मैं अब 33 साल का हूं और नहीं चाहता कि मैं अनावश्यक रूप से मैदान से बाहर रहूं।”
इंग्लैंड की हाल की वाइट-बॉल सीरीज़ में ट्रेनिंग को लेकर सवाल उठे थे, खासकर भारत दौरे के दौरान। इंग्लैंड क्रिकेट के मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की ने भी माना कि टीम की ढीली छवि उनकी “अपनी गलती” है, लेकिन स्टोक्स ने अपनी टीम का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी आलोचनाएं “पूरी तरह से बकवास” हैं।
उन्होंने कहा, “जब लोग कहते हैं कि हम मेहनत नहीं करते, हमें सिर्फ गोल्फ खेलना पसंद है, तो वो सरासर गलत है। कोई भी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लंबे समय तक टिक नहीं सकता अगर उसमें मेहनत की आदत न हो। इंग्लैंड की हर टीम में जो भी खिलाड़ी आता है, उसकी मेहनत देखने लायक होती है। हमारी सारी कोशिशें खिलाड़ियों से दबाव हटाने की होती हैं, ताकि वे खुलकर खेल सकें।”
जोस बटलर के चैंपियंस ट्रॉफी के बाद कप्तानी छोड़ने पर स्टोक्स को अस्थायी वनडे कप्तान के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन उन्होंने वर्कलोड बढ़ाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “हैरी ब्रूक को कप्तान बनाना बिल्कुल सही फैसला है। मैं फिलहाल वाइट-बॉल टीम का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन रिटायरमेंट की घोषणा भी नहीं की है। अगर भविष्य में मौका मिला तो ठीक है, नहीं मिला तो मैं इंग्लैंड के शानदार युवा खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखकर खुश रहूंगा।”
इंग्लैंड की टीम इस हफ्ते लफबरो में ज़िम्बाब्वे के खिलाफ 22 मई से शुरू होने वाले पहले टेस्ट की तैयारी कर रही है। स्टोक्स ने कहा, “ज़िम्बाब्वे की टीम में काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं, और वे इंग्लैंड में आकर हमें हराने को बेताब होंगे। लेकिन हम भी उतने ही बेताब हैं यह दिखाने के लिए कि हम उनसे बेहतर टीम हैं।”
स्टोक्स बिना किसी बड़े मैच प्रैक्टिस के मैदान में उतरेंगे, लेकिन ज़िम्बाब्वे टेस्ट के बाद वे इंडिया ए के खिलाफ इंग्लैंड लॉयंस की ओर से एक अभ्यास मैच खेलेंगे, ताकि 20 जून से भारत के खिलाफ शुरू होने वाली बड़ी टेस्ट सीरीज़ की तैयारी कर सकें। उन्होंने कहा, “भारत के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ हमेशा शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद कठिन होती है, और इस बार भी ऐसा ही होगा।”