गुकेश मुझे 2008-09 के अपने दौर की याद दिलाते हैं : मैग्नस कार्लसन

नई दिल्ली : नॉर्वे चेस 2025 का खिताब जीतने के बाद शतरंज के पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश की जमकर तारीफ की है। कार्लसन ने कहा कि गुकेश की मौजूदा शैली उन्हें खुद की शुरुआती शतरंज यात्रा, खासकर 2008-09 के दौर की याद दिलाती है।

कार्लसन ने कहा, “गुकेश का खेल मुझे उस समय की याद दिलाता है जब मैं शतरंज में उभर रहा था। मैं भी तब कई बार नियंत्रण खो देता था लेकिन परिणाम निकाल लेता था। वर्ष 2008 के लीनारेस टूर्नामेंट में भी ऐसा ही हुआ था जब आनंद पहले स्थान पर आराम से चल रहे थे और मैं काफी अराजक तरीके से खेलते हुए कुछ ऐसे नतीजे निकाल रहा था जो शायद मेरे शुद्ध कौशल से मेल नहीं खाते थे।”

कार्लसन ने माना कि युवा खिलाड़ी सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी भी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “गुकेश और अर्जुन (एरिगैसी) जैसे खिलाड़ी खेल के कई हिस्सों में अभी भी मेरे, फबियानो (कारुआना) और हिकारू (नाकामुरा) जैसे अनुभवी खिलाड़ियों से पीछे हैं, लेकिन यह स्वाभाविक है, क्योंकि हम दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं और उनसे हर पहलू में बराबरी की उम्मीद करना जल्दबाज़ी होगी।”

नॉर्वे चेस में गुकेश ने दिखाया दम

इस टूर्नामेंट में डी. गुकेश ने पहली बार क्लासिकल फॉर्मेट में मैग्नस कार्लसन को हराकर इतिहास रच दिया था और आखिरी राउंड तक खिताब की दौड़ में बने हुए थे। हालांकि अंतिम राउंड में फबियानो कारुआना से हार के बाद वह तीसरे स्थान पर रहे। कार्लसन ने गुकेश के प्रदर्शन की सराहना करते हुए कहा, “यह बहुत प्रेरणादायक है कि गुकेश इतने खराब पोजिशन में भी मुकाबले में बने रहते हैं और खिताब के लिए चुनौती पेश करते हैं। यह उसी प्रक्रिया का हिस्सा है जिससे हर युवा खिलाड़ी गुजरता है।”

युवा खिलाड़ियों का भविष्य उज्ज्वल

कार्लसन का मानना है कि डी. गुकेश और अर्जुन जैसे युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी भविष्य में विश्व चैंपियन बनने की क्षमता रखते हैं, बशर्ते वे खेल के हर पहलू में लगातार सुधार करें। गौरतलब है कि गुकेश हाल ही में विश्व चैंपियन बने हैं और अब वो क्लासिकल शतरंज में भी खुद को शीर्ष स्तर पर स्थापित करने की ओर बढ़ रहे हैं।

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